मंगलवार, 3 मई 2016

Shayari part 82

1. ऐ इश्क़ ! तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें,
यहाँ हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा हैं...

2. कभी बात बनती थी, कभी बिगड़ जाती थी...
तेरे संग जैसी भी थी, लेकिन गुजर जाती थी!!

3. ना जाने दिल क्यों खीचा चला जाता है उसकी तरफ।
क्या उसने भी मुझे पाने की दुआ मांगी है।।

4. मेरे लफ्जों को इतनी शिद्दत से ना पढा करो, "दोस्तो"
कुछ याद रह गया तो हमे भूल नही पाओगे !

5. कुछ लोग जमाने में ऐसे भी तो होते हैं..
महफिल में तो हंसते हैं तन्हाई में रोते हैं..

6. बदनाम करते है लोग हमें जिनके नाम से...!
खुदा कसम जी भर के देखा भी नहीं हमने उसे ।।

7. जब कोई दिल दुखाये तो बेहतर है चुप रहना चाहिये,
क्योंकि जिंन्हें हम जवाब नहीं देते.. उन्हें वक़्त जवाब देता हैं...!!!

8. एक बात बताओ ..
मेरे सबर का इम्तिहान ले रहे हो....?
या.. हकीकत में मेरी याद नहीं आती..

9. हर किसी को खुश करना शायद हमारे बस में ना हो,
लेकिन किसी को हमारी वजह से दुःख ना पहुँचे, यह तो हमारे बस में है।

10. तमीज, तहजीब, अदब जीवन में बोलती है,
लाख छुपाये इंसान, लेकिन शख्सियत निशाँ छोड़ती हैं..