सोमवार, 25 अप्रैल 2016

Shayari part 100

1. ना जाने वक्त में सिखाने का हुनर नहीं था...!!
या मुझमें सीखने का..
मुझे अब तक तुम्हारे बिना जीना ना आया...!!

2. किताबें इश्क की पढकर ना समझो खुद को आशिक़,
ये दिल का काम, दिल वालों को करने दो तो अच्छा है!!!

3. चलो बिखरने देते हैं जिन्दगी को,
सँभालने की भी तो एक हद होती है !!

4. न अपनों से खुलता है, न ही गैरों से खुलता है. ये जन्नत का दरवाज़ा है, माँ के पैरो से खुलता है.!!

5. नींद उड़ा कर मेरी कहते है वो कि, सो जाओ कल बात करेंगे ,
अब वो ही हमें समझाए कि, कल तक हम क्या करेंगे ....!!

6. माँ के हाथो में जादू है किस्मत सँवारने का फिर वो हाथ चाहे सिर पर फिरे या फिर गालो पर !!!

7. पता नहीं क्या जादू है माँ के पैरों में ।।
जितना झुकता हूँ , उतना ही ऊपर जाता हूँ !!

8. तुम एक बार आ जाओ किसी बहाने से
इन तरसती आँखों को सुकून मिल जायेगा।

9. आज फिर वो ख़फ़ा है खैर ..
कौन सा ये पहली दफा है!!

10. समय कई जख्म देता हैं इसलिये
घडी में फूल नहीं काटे होते है

Shayari part 99

1. सच बोलता हूँ तो टूट जाते हैं रिश्ते,
झूठ कहता हूँ तो खुद ही टूट जाता हूँ

2. तुझे चाहने का जुर्म ही तो किया था ,
तुने तो पल पल मरने की सजा दे दी ..!!

3. जैसे प्यार से सभी चीज़ें आसान लगती हैं उसी तरह उम्मीद से सब कुछ संभव लगने लगता है।

4. दिल ना-उम्मीद तो नहीं नाकाम ही तो है,
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है...!

5. मिलने को तो दुनिया मे कई चेहरे मिले ,
पर तुम सी मोहब्बत हम खुद से भी न कर पाये ...!!!

6. जिन्दगी और आरजू का बोझ है
मुझपर हसरते तेरी है की पुरी नही होती,!!!!!

7. आओ खामोशी की जुबान मै,
इतनी बाते करें की थक जायें!!!!

8. हमे खुशी मिल गई भी तो कहाँ रखेंगे हम,
आँखों में हसरतें हैं, और दिल में तुम ही तुम

9. जो बच्चा छोड़ आता है माँ के दामन का चमन जिंदगी उसके लिए फिर वीरान रहती है !

10. गले मिलकर छुरा घोंपने का रिवाज है यहां क्या शहर है कायदे का दुश्मन नहीं मिलता !!

Shayari part 98

1. जुदाई कि खबर होती अगर तेरे दिदार से पहले,
खुदा से मौत माँगता मै तेरे प्यार से पहेले....

2. मेरे प्यारे दोस्तों इश्क वो इबादत हे जो दो लफ्जों से नही,
बस आँखों से ही ब्यान हो जाती है..

3. कहानी बस इतनी सी थी तेरी मेरी मोहब्बत की......
मौसम की तरह तुम बदल गई और फसल की तरह मै बरबाद हो गया

4. सच कहूँ तो तुझे कभी प्यार था ही नही...
तूने तो अपनी खामोशी दुर करने के लिये
हमे खामोश कर दिया...

5. अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का,
सब को मंजिल का शौक है और मुझे रास्तों का..

6. "समुद्र बड़ा होकर भी, अपनी हद में रहता है,
जबकि इन्सान छोटा होकर भी अपनी हद भूल जाता है.!!!

7. निशानी क्या बताऊ तुझे अपने घर की.....
जहाँ दीवारे उदास लगे वहीँ चले आना.....

8. महोब्ब्त दिल में कुछ ऐसी होनी चाहिये. की
हासिल भले दुसरे को हो पर कमी उसको ज़िन्दगी भर अपनी होनी चाहिये...

9. चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह…!!!
मगर ख़ामोश रहता हूँ, अपनी तक़दीर की तरह…!!

10. ज़नाजा रोककर मेरा वो इस अंदाज मे बोले
मैने तो गली कही थी ,तुम तो दुनिया ही छोड चले...

Shayari part 97

1. सोचता हू की बुझा दू मै ये कमरे का दिया,
अपने साए को भी क्यों साथ जगाऊ अपने !

2. किसी के दिल का दर्द किसने देखा है;
देखा है, तो सिर्फ चेहरा देखा है;
दर्द तो तन्हाई मे होता है;
लेकिन तन्हाइयो मे लोगों ने हमे हँसते हुए देखा है...!!

3. उसकी हसरत मेरी तकदीर में लिखने वाले,
काश उसको मेरी तकदीर में लिखा होता!

4. खुदा करे ये जिंदगी में मकाम आये,
तुजे भूलने की दुआ करू और दुआ में तेरा नाम आये ।

5. यूँ ही नही आता ये शेर-ओ-शायरी का हुनर,
कुछ खुशियाँ गिरवी रखकर जिंदगी से दर्द खरीदा है।

6. महोब्बत कोई गुनाह तो नहीं है मगर.. ।
सज़ा भरपूर मिलती है ये और बात है.. ।

7. अब उसूलों का वज़न साथ में है
तो सफर तो मुश्किल होना ही था ..!!

8. मैं हमेशा ख़ुश रहता हु,क्यों? क्यूंकि मैं किसी से उम्मींद नहीं रखता। उम्मीदे हमेशा दर्द देती है......

9. किसी ने कहा था महोब्बत फूल जैसी है!!
कदम रुक गये आज जब फूलों को बाजार में बिकते देखा!

10. उन्हें लगता है उनकी चालाकियाँ हमें समझ नहीं आती,
हम बड़े आराम से देखते हैं उन्हें अपनी नज़रों से गिरते हुए.......

Shayari part 96

1. बरसती बारिशों मे बस मुझे इतनी सी बात याद है,
कि इस तरह का एक मौसम मेरे अन्दर भी रहता है.!

2. हाथो की लकीरो को खरोच डाला
जब मेरा हाथ देख कर किसी ने कहा तेरी मोहब्बत बेवफा हेागी

3. डर लगता है मुझे उन आँखो से,
जो झुकते हुए भी दिल पर वार कर जाती है!!!

4. मुफ्त में नहीं आता यह शायरी का हुनर मेरे दोस्त,,,
इसके बदले ज़िन्दगी हमसे हमारी खुशियों का सौदा करती है...  

5. कुछ लोग इतने गरीब होते हैं...
के उनके पास सिर्फ पैसा होता हैं...!

6. डर लगता है उसके तस्वीर की तारीफ करने
में,
जमाना पूछ ना बैठे.... ये तेरी कौन लगती है ?

7. मुझे दर्द हुआ एहसास आपको है
आपको प्यार है यह एहसास मुझे है

8. प्यार का तो पता नही. लेकिन जब भी तू परेशान होती है,
एक अजीब सी बेचैनी हो जाती है मुझे

9. END" और "AND"
दोनो की पुकार एक जेसी है ,,
पर....
एक में ख़त्म होने की निशानी है
और
दूसरे में जोड़ देने का हुनर..

10. हल्की-फुल्की सी है जिंदगी...
वज़न तो बस ख्वाहिशों का है...!!

शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

Shayari part 95

1. अब तो किस्मत भी साथ नही दे रही है मेरी……
सच कहूँ तो बिल्कुल तुम्हारी, तरह

2. मैं अपनी मोहब्बत का शिकवा, तुमसे कैसे करू...,
मोहब्बत तो मैने की है..., तुम तो बेकसूर हो..!!

3. तेरे ना होने से जिंदगी में बस इतनी सी कमी रहती है ,
मैं चाहे लाख मुस्कुराऊ, इन आँखों में नमी ही रहती हैं ...!

4. फिर वही दिल की गुज़ारिश, फिर वही उनका गुरूर;
फिर वही उनकी शरारत, फिर वही मेरा कसूर

5. तू बेवफा है तो एक बुरी खबर सून ले,
हमारा इंतझार कोई दूसरा भी करता है...

6. उसके जीवन का हर फैसला मेरे लिए अनमोल था
क्योकी उसने हर फेसले में सिर्फ एक ही लफ्ज कहा "जेसा तुम कहो"

7. कुछ और कश लगा ले ऐ ज़िन्दगी !
बुझ जाऊंगी किसी रोज़ सुलगते सुलगते !!

8. तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है, जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा, दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।

9. हद से बढ़ गया है तेरा नज़र अंदाज करना..
ऐसा सुलूक न करो कि हम भूलने पे मजबूर हो जाये..!!

10. जिंदगी भर "सुख" कमाकर दरवाजे से घर में लाने की कोशिश करते रहे।
पता ही ना चला कि कब खिड़कियों से "उम्र" निकल गई।।

Shayari part 92

1. तुझे तो प्यार कभी था ही नही ऐ बेवफा,
तूने तो अपनी तन्हायी दुर करने के लिये हमे तन्हा कर दिया..!!

2. एक चाहत.....तेरे साथ जीने की....
वरना मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी !!

3. नाराज़ नहीं हूँ,  तेरे जाने  से....!!
ग़म ये है कि, तेरा यकीन अब कैसे करूँ....!!

4. ख्वाब आँखों से गए और नींद रातों से गयी..!!
वो जिंदगी से गए और जिंदगी हाथों से गयी..!!

5. जो जले थे हमारे लीये, बुज रहे है वो सारे दीये़..!!
कुछ अंधेरो की थी साजीशें. कुछ उजालों ने धोखे दिये..!!!

6. मंजिले बहुत हैं, अफ़साने बहुत हैं, राहे जिंदगी में इम्तिहान बहुत हैं...!
मत करो गिला उसका जो मिला नहीं, इस दुनियाँ में "खुश" रहने के बहाने बहुत हैं...!!

7. प्लम्बर कितना भी एक्सपर्ट क्यूँ न हो...? पर. वो आँखों से बहता...
पानी बंद नहीं कर सकता. उनके लिये तो दोस्त ही चाहिये...

8. सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा
एहसास की एहमियत होती है।

9. सो गई हैं शहर की सारी गलिया..
अब रात भर जागने की बारी मेरी है!

10. कदर करनी है. तो ज़िंदगी मैं ही करना
कफ़न औढाते वक़्त तो नफ़रत करने वाले भी रो पड़ते हैं

Shayari part 91

1. चलते चलते मेरे कदम. बस यही सोचते हैं...
की मैं किस तरफ जाऊं जो मुझे तू मिल जाए..

2. मरने का मज़ा तो तब है,
जब कातिल भी जनाजे पे आकर रोय

3. वक्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त…
मजा तो तब है जब वक्त बदल जाये पर यार ना बदले..

4. मुझें छोड़कर वो खुश हैं तो शिकायत कैसी, अब मैं उन्हें खुश भी न देखूं तो मोहब्बत कैसी..

5. हम तो सोचते थे कि लफ्ज ही चोट करते है.
पर कुछ खामोशियो के जख्म तो और भी गहरे निकले...

6. तुमने समझा ही नही और ना समझना चाहा;
हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा”...

7. लिफाफे में बंद कर लो अपनी तमाम जिंदगी....
खुली किताबो के अक्सर पन्नें उड़ जाया करते है 

8. अब तेरी आँखों में आँसू क्यों पगली ,
जब छोड़ ही दिया तो भुला भी दिया होता ..

9. धडकनो को भी रास्ता दे दीजिये, जनाब...
आप तो सारे दिल पर कब्जा किये बैठे है.....

10. आज पगली बरसो बाद मिली तो गले लगकर खूब रोइ.
जानते हो ये वही थी जिसने कहा था तेरे जैसे हजारो मिलेंगे.

Shayari part 90

1. सोचा था खुद क सिवा मुझे कोई बर्बाद नही कर सकता,
फिर एक दिन उनकी मोहब्बत ने मेरे सारे वहम तोड़ दिए।।

2. कहने को तो बहुत कुछ है मेरे दिल में यारो
कहानी बहुत लंबी और अल्फ़ाज़ बहुत कम है।

3. बस इतना सा असर होगा हमारी यादों का
कि कभी कभी तुम बिना बात मुस्कुराओगे...

4. कमाल का हुनर है मेरी जान के पास;
वफ़ा निभाई नहीं गयी फिर भी मेरी शायरी में उन्ही का जिक्र होता है...!!

5. आगे बढ़ गई, मेरे हालात देखकर !!
उसकी उमीदें, मेरे इश्क से महंगी थी !!

6. हर रात जान बूझकर रखता हूँ दरवाज़ा  खुला...
शायद कोई लुटेरा  मेरा  गम भी लूट ले....

7. उसे लगता हे उसकी चालाकियाँ मुझे समझ नही आती..  
मैं बड़ी खामोशी से देखता हूँ उसे अपनी नज़रों से गिरते हुए !!

8. देखने को तो बङी खामोश सी रहती हैं तेरी यादें इस दिल में मगर,
सच ये है तबाही मचा रखी है, चुपचाप इस ज़िन्दगी में..!

9. बाप के कंधो पे जो बेटी बोझ है
आप कहिये जमाने की ये कैसी सोच है

10. टूट कर बिखर जाता है मेरा नाजुक सा दिल..
जब कोई पूछ लेता है, क्या तुने भी प्यार किया है किसी से... ?

Shayari part 89

1. "वो नदिया नहीं आंसू थॆ मॆरॆ,जिन पर,
वो कश्ती चलातॆ रहे
मंज़िल मीलॆ उन्हॆ ये चाहत थी मेरी, इसलिये हम आंसू बहातॆ रहे."

2. कुछ पल खामोशियों में खुद से रूबरू हो लेने दो......
जिंदगी के शोर में खुद को सुना नहीं मुद्दतों से मैंने.... I

3. वादा करके और भी आफत में डाला आपने,
जिन्दगी मुश्किल थी, अब मरना भी मुश्किल हो गया..

4. सिर्फ एक बार आओ मेरे दिल में...अपनी मुहब्बत देखने"
फिर लौटने का इरादा हम तुम पर छोड़ देंगे"

5. हम सिर्फ अपने आंसुओ की बजह लिखते है...
पता नही लोग क्यों कहते है...वाह क्या बात हैं..

6. कभी हमसे भी पूँछ लिया करो हाल-ऐ-दिल दोस्तों....
कभी हम भी कह सकें दुआ है आपकी......

7. दर्द की बारिशों में हम अकेले ही आयें थे दोस्त...
जब बरसी ख़ुशियाँ न जाने भीड़ कहाँ से आ गई....

8. बेक़सूर कोई नहीं इस ज़माने मे.
बस सबके गुनाह पता नहीं चलते..

9. काश...."वफा क्या होती है...? ये समझ पाते तुम
फिर ना तुम अकेली होती, और ना अकेले होते हम...

10. ऐ इश्क़ तुझे रब का वास्ता
मासूम लोगो को बर्बाद मत किया कर...!!!

Shayari part 88

1. तेरी महफ़िल से उठे तो किसी को खबर तक ना थी,
तेरा मुड़-मुड़कर देखना हमें बदनाम कर गया।

2. मैं फिर से, ठीक तेरे जैसे की तलाश में हूँ..
गलती कर रहा हू लेकिन होशोहवास में हूँ

3. जब हो थोड़ी फुरसत, तो अपने मन की बात हमसे कह लेना…….
बहुत खामोश रिश्ते…. कभी जिंदा नहीं रहते…….

4. गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया!
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया!
थक के जब सितारों से पनाह ली!
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया!

5. वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे!
दुनिया में हम खुश नसीब होंगे!
दूर से जब इतना याद करते है आपको!
क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे?

6. किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नहीं !
किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नहीं !
गुनाह हो यह ज़माने की नज़र में तो क्या !
ज़माने वाले कोई खुदा तो नहीं !

7. किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों है?
जो नहीं मिल सकता उसी से मुहब्बत क्यों है?
कितने खायें है धोखे इन राहों में!
फिर भी दिल को उसी का इंतजार क्यों है?

8. तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम!
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम!
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन!
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम!

9. मुहब्बत का इम्तिहान आसान नहीं!
प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं!
मुद्दतें बीत जाती हैं किसी के इंतज़ार में!
ये सिर्फ पल-दो-पल का काम नहीं!

10. चहरे पर हंसी छा जाती है!
आँखों में सुरूर आ जाता है!
जब तुम मुझे अपना कहते हो,
अपने पर गुरुर आ जाता है!

Shayari part 87

1. काश तकदीर भी होती ज़ुल्फो की तरह..
जब जब बिखरती तब तब संवार लेते..

2. चलो तोड़ते है आज, ज़िंदगी के सारे उसूल अपने..................!!
अब के बरस बेवफाई और दगाबाजी, दोनों हम करेंगे

3. बस यही सोचकर छोड़ दी हमने जिद्द मोहब्बत की,
अश्क़ तेरे गिरे या मेरे....रोयेगी तो मोहब्बत ही...!!!

4. "कहानी बन के जियें हैं, वो दिल के आशियानों में,
हमको भी लगेगी सदियाँ, उन्हें भुलाने में"

5. फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ “इश्क” मुकम्मल, . .
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है….!!!!!!

6. कहाँ मिलता है कभी कोई समझने वाला,
जो भी मिलता है समझा के चला जाता है...

7. उसके दिल पर भी, क्या खूब गुज़री होगी..
जिसने इस दर्द का नाम, मोहब्बत रखा होगा..!

8. तेरी खुशी के लिये तुझसे फासले तो कर लिये ...
लेकिन सच कहूँ ऐ जान ! अब जीने का मन नहीं होता ...

9. वो भी क्या ज़िद थी, जो तेरे मेरे बीच इक हद थी !
मुलाकात मुकम्मल ना सही, मुहब्बत बेहद थी...!!

10. बहुत उदास हुआ, शहर का तेरे तमाशा देखकर;
लोग हँसते है यंहा, किसी को रोता देखकर!

Shayari Part 86

1. अपना वादा यूँ ही ता उम्र निभाया करेंगे हम।
तुम जब भी बुलाओगे आ जाया करेंगे हम।

2. "तू साथ चले तो शायद.... मंजिल मिल जाए,
  मुझे तो..... कोई रास्ता पहचानता नही है " !!

3. उसके दिल मे थोड़ी सी जगह माँगी थी मुसाफिरों कि तरह..
उसने तन्हाईयों का एक शहर मेरे नाम कर दिया..

4. मेरे बस में हो तो लहरो को इतना हक भी ना दूँ
लिखू नाम तेरा किनारे पे और लहरो को छूने तक ना दूँ..

5. कुछ मीठा सा नशा था उसकी झुठी बातों मे.
वक्त गुज़रता गया और हम आदी हो गये...!

6. पागल नहीं हैं हम जो तेरी हर बात मानते है ,
बस तेरी खुशी से ज्यादा कुछ अच्छा ही नहीं लगता हैं...

7. तेरी जुदाई ने हमें लफ़्ज़ों का बादशाह बना दिया,
मेरी हर आह पर लोग अब वाह वाह करते है..!!!

8. मोहब्बत में मैंने उसकी क्या कुछ नहीं लुटा दिया...
उस को पसंद थी सिर्फ रौशनी और " मैंने " खुद को जला दिया ..

9. तरसेगा जब दिल तुम्हारा, मेरी मुलाकात को..
ख्वाबों मे होंगे तुम्हारे हम, उसी रात को..!!

10. "मैँ क्यूँ ना मुस्कुराऊ उसके लिए यारो
जो मेरी एक मुस्कराहट के लिए
अपने हजार आँसु छिपाती है.."

Shayari Part 85

1. कोई तीर जैसे जिगर के पार हुआ है
जाने क्यों दिल इतना बेक़रार हुआ है
पहले कभी देखा न मैंने तुम्हें
फिर भी क्यों ऐ अजनबी इस
कदर तुमसे प्यार हुआ हैं

2. किस्मत वालों को ही मिलती है पनाह दोस्तों के दिल में,
यूँ ही हर शख्स जन्नत का हक़दार नहीं होता…............

3. ना जाने कैसे इम्तेहान ले रही है जिँदगी आजकल,
मुक्दर, मोहब्बत और दोस्त तीनो नाराज रहते है.

4. हम गरीब लोग है किसी को मोहब्बत के सिवा क्या देंगे.
एक मुस्कराहट थी, वह भी बेवफ़ा लोगो ने छीन
ली

5. तरसता है दिल तेरी आवाज़ के लिए,
तेरे मोहबत भरे दो अलफाज़ के लिए,
करदो हमे फन्नाह अपनी इस अदा के लिए,
तड़पते है हम तेरी एक मुलाकात के लिए

6. हम ने देखी है उन आँखों की महकती खुशबू ,
हाथ से छूके इसे रिश्तों का इल्जाम ना दो;
सिर्फ एहसास है ये, रूह से महसूस करो,
प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो..!!

7. सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको...
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको...
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा,
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको...!!!

8. लोग कहते हैं किसी एक के चले
जाने से हमारी जिंदगी रुक नहीं जाती
ये कोई नही जानता की लाखों के मिल
जाने से भी उस एक की कमी पूरी नहीं होती

9. किसी के ग़म… अपने बनाने को जी करता है…
किसी को… दिल में बिठाने को जी करता है…
आज दिल को क्या हुआ है खुदा जाने…
बुझती हुई शमा…फिर जलाने को जी करता है…

10. कोई नही देगा साथ तेरा यहॉं
हर कोई यहॉं खुद ही में मशगुल है
जिंदगी का बस एक ही ऊसुल है यहॉं,
तुझे गिरना भी खुद है और सम्हलना भी खुद है.

Shayari Part 84

1. "हजारो वादे कर रहे हो आज मुझे पाने के लिए
एक बहाना भी बहुत होगा तुमको कल मुझे छोड़
जाने के लिए.."

2. अब तुझसे शिकायत करना मेरे हक में नहीं,
क्योंकि
तू आरजू मेरी थी पर अमानत शायद किसी और की।

3. ये तेरा वहम हैँ के हम तुम्हेँ भूल जाऐँगे
वो शहर तेरा होगा जहाँ बेवफा लोग बसते हैँ

4. जरुरत नहीं थी असलियत में शायद..
कर्ज़दार हुए हम शौक ही शौक में..!!

5. तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे...
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया..

6. मै और मेरा दिल,,, ऐ जान,,,
अफसोस दोनों मर गये तुम पर.

7. तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा ,
वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही ..!!

8. मत गिरा अपने झूठे इश्क के आंसू मेरे जनाज़े पर....
अगर तुझमे वफ़ा होती तो हम ज़िन्दगी से बेवफा न होते

9. ज़िन्दगी का ये हुनर भी आज़माना चाहिये
जंग अगर हो दोस्तों से हार जाना चाहिये

10. "मुझे नही मालुम की तुम्हे पाकर मुझे क्या मिलेगा,,
मगर इतना मालुम है कि तुम्हेँ खो दिया तो सब खो दुँगा.."