सोमवार, 30 नवंबर 2015

Shayari Part.52

1. ऐसा नही कि, मेरे इन्तजार की उन्हें खबर नही, लेकिन….
तड़पाने की आदत तो….
उनकी फितरत में शुमार है…..

2. ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर समझौता करूँ,
शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं

3. उससे मिला हूँ जब से ..
दील चाहता है ..सबसे बिछड़ जाऊं

4. अभी तक याद कर रहे हो पागल हो तुम
कसम से ....
हरीश.
उसने तो तेरे बाद भी हजारो भुला दिए

5. काश।
कोई तो पैमाना होता मोहब्बत मापने का
तो शान से तेरे सामने आते सबूत के साथ

6. हर भूल तेरी माफ़ की हर खता को तेरी भुला दिया,
गम है कि, मेरे प्यार का तूने बेवफा बनके सिला दिया।

7. मै सिर्फ दो लोगो से ही प्यार करता हूँ ....
एक तो मेरी माँ जिन्होंने मुझे जन्म दिया और दूसरी वो पगली जिसने मेरे लिए जन्म लिया....

8. याद करने की हमने हद कर दी लेकिन ,
भूल जाने में तुम भी कमाल करते हो

9. सोचता हूँ एक शमशान बना लुँ
दिल के अंदर

मरती है रोज ख्वाईशें
एक एक करके....!!!!

10. बता फिर क्यों नहीं महसूस की तूने बेचैनियाँ हमारी...
कहती तो यही थी..कि अच्छे से जानती है...तू हमें..!!

Shayari Part.51

1. लिखने-लिखाने का ये सबब मिला हमें...
वो कहते हैं मुझे...बहुत बातें आ गई हैं तुम्हें..!!
2. उससे मिला हूँ जब  से
दील चाहता है
सबसे बिछड़ जाऊं
3. "आप जिस पर आंख बन्द कर के भरोसा करते है,
अक्सर वही आप की आंखे खोल जाता है"
4. हम वो हैं जो आँखों में आँखें डाल के सच जान लेते हैं
तुझसे मुहब्बत है बस इसलिये तेरे झूठ भी सच मान लेते हैं...
5. मेरा कत्ल करके क्या मिलेगा तुमको....
हम तो वैसे भी तुम पर मरने वाले हैं ....!!
6. शीशे में डूब कर पीते रहे, उस ‘जाम’ को,
कोशिशें तो बहुत की मगर, भुला न पाए एक ‘नाम’ को..
7. "वो करीब बहुत है...मगर दूरियों के साथ...,
हम दोनों जी तो रहे है...मजबूरीयों के साथ...।"
8. तुझे याद करके जागता हूँ - तुझे याद करके सोता हूँ.
बस, ज़िन्दगी में इसके सिवा और कुछ भी नहीं है..
9. जिसे हम सबसे ज्यादा चाहते है,
उसीमें सबसे ज्यादा ताकत होती है,
हमें रुलाने की...
10. क्या हुई खता हमसे ऐसी,
जो किस्मत हमारी हमसे रुठ गई,
क्यों हमें रोशनी की किरण दिखाके,
अंधेरों में दूबा गया कोई....

Shayari Part.50

1. बहुत दिन हुए तुमने, बदली नहीं तस्वीर अपनी!
मैंने तो सुना था, चाँद रोज़ बदलता हैं चेहरा अपना!!

2. यूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिन…
ना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठे…

3. कहने को तो बहोत सी बाते थी,
इस दिल मे हमदम, काश के...
कुछ लफ्जो मे सुन पाते तुम, काश कुछ मेरी आंखो मे पढ़ पाते....... !!

4. आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो..
मौसम मस्त है लेकिन तुम जैसा नहीं..

5. बडी देर करदी मेरा दिल तोडने में,
नजाने कितने शायर आगे चले गये.

6. बहुत रोका लेकिन रोक ही नहीं पाया,
मुहब्बत बढ़ती ही गयी मेरे गुनाहों की तरह…

7. दुश्मनी जम कर करो लेकिन इतनी गुंजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिंदा कोई न हो…

8. ज़मी पर रहकर आसमान छूने की फितरत है मेरी..,,
लेकिन किसी को गिरा कर उपर उठाने का शौक नही मुझे..

9. चंद साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो,
झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो,
जिंदगी वीरान थी और मौत भी गुमनाम ना हो,
मुझे गले लगा लो फिर मौत मुझे हजार दे दो।

10. आ ज़ा फिर से मेरे ख्यालों में....कुछ बात करते हैं....
कल जहाँ खत्म हुई थी...वहीं से शुरुवात करते हैं...!!

Shayari Part.49

1. अब इससे भी बढ़कर गुनाह ए आशिकी क्या होगी.......
की जब रिहाई का वक़्त आया तब पिंजरे से मोहब्बत हो चुकी थी ....

2. अजीब रंग में गुजरी है जिंदगी अपनी,
दिलो पर राज़ किया और मोहब्बत को तरसे !!

3. लोग कहते हैं कि समझो तो खामोशियां भी बोलती हैं,
मै बरसों से खामोश हूं और वो बरसों से बेखबर है..

4. वो जान गयी थी हमें दर्द में मुस्कराने की आदत हैं,
वो रोज नया जख्म देती थी मेरी ख़ुशी के लिए..

5. हुए फना फिर भी ना सुधर पाए है फिर,
वही शायरी, फिर वही इश्क, फिर वही तुम..

6. पूछा था हाल उन्हॊने बड़ी मुद्दतों के बाद,
कुछ गिर गया है आँख में कह कर हम रो पड़े..

7. तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहा हु मै,
वरना मरने का इरादा तो रोज होता है..

8. इस शहरे नामुराद की परवाह करेगा कौन....
जब हम ही चले गये तो मोहब्बत करेगा कौन...

9. घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए,
मैं खुद से रूठ गया हूँ, तुम्हे मनाते हुए..

10. सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे,
खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया..

शनिवार, 28 नवंबर 2015

Shayari Part.48

L1. होती है बड़ी ज़ालिम एक तरफ़ा मोहब्बत,,
वो याद तो आते हैं, पर याद नहीं करते..

2. ए दिल मत कर इतनी मोहब्बत किसी से
इश्क़ मे मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा..

3. क्यों सदा हमको ही इल्जाम दिये जाते हैं,
ये सजा कम तो नहीं है कि जिये जाते हैं।

4. एक चाहत थी..तेरे साथ जीने की ..वरना मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी

5. कभी ना कभी वो मेरे बारे में सोचेगी जरूर,
कि हासिल होने की उम्मीद ना थी फिर भी
मोहब्बत करता था..

6. खुल जाता है ,
तेरी यादों का बाजार सुबह सुबह,
और इसी रौनक में मेरा दिन गुज़र जाता है ..

7. ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर समझौता क्यों किया जाय ..
शौक जीने का है मगर.
इतना भी नहीं की मर मर के जिया जाये....

8. तारे भी चमकते हैं
बादल भी बरसते हैं
तुम दिल में हो फिर भी हम
मिलने को तरसते हैं।

9. दिल-ए-ज़ज़्बात किसी पर, ज़ाहिर मत कर,
अपने आपको इश्क़ में, इतना माहिर मत कर...

10. टूटे हुए सपनों और छूटे हुए अपनों ने उदास कर दिया,
वरना ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सीखने आया करती थी…

Shayari Part.47

1. कारवां-ए-ज़िन्दगी हसरतों के सिवा कुछ भी नहीं..
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला नहीं, वो रहा नहीं

2. में रहु या ना रहु, तुम मुझमे कही बाकी रहना...!!
मुझे नींद आये जो आखरी, तुम ख्वाबो में आते रहना।

3. नए कमरों में अब चीज़ें पुरानी कौन रखता है.,
परिन्दों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है.!

4. खुद नहीं आते हो तो यादों को भी आने ना दिया करो..
मुझे सिर्फ तुमसे मोहब्बत है यादों को याद से बता देना ...

5. यूं ही गुज़र जाते हैं,मीठे लम्हे मुसाफिरों की तरह
और यादें वहीं खडी रह जाती हैं रूके रास्तों की तरह..

6. सारे दुःखों को भुलाकर मुस्कुराया‬ तेरे लिए,
अब तू बता तू कभी रोयी‬ मेरे लिए..

7. ना कर तू इतनी कोशिशे, मेरे दर्द को समझने की..
तू पहले ishq कर, फिर चोट खा,
फिर लिख दवा मेरे दर्द की..

8. तुम कागजों पर और खूबसूरत दिखती हो ....
यकीं नहीं तो मेरी चंद नज़्में पढ़ लो ....

9. मंजिले तो नशीब वालों को हासिल हो गयीं.
हम तो दीवाने थे तेरे....
सफर में ही रह गये.....

10. सुनो.. इतना तो कोई मरीज़ भी नहीं करता
जितना तुम हमसे परहेज़ करते हो!

गुरुवार, 26 नवंबर 2015

Shayari Part.46

1. दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई
लेकिन तमाम उम्र को आराम हो गया

2. ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ..

3. जाने क्यूं अधूरी सी लगती है जिंदगी
जैसे खुद को किसी के पास भूल आये हों।

4. नींद तो आने को थी पर दिल पुराने किस्से ले बैठा
अब खुद को बे-वक़्त सुलाने में कुछ वक़्त लगेगा।

5. ज़ख्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें;
हम खुद निशान बन गए वार क्या करें;
मर गए हम मगर खुलो रही आँखें;
अब इससे ज्यादा इंतज़ार क्या करें!

6.  ऐ खुदा बस इतना सा मुझ पर करम कर दे........!!
जितनी ज़िन्दगी उसके बगैर लिखी है, वो खत्म कर दे.......!!

7. पंछियों को पिंजरे मै कैद कर के तो सभी प्यार जता लेते है,
कोई उड़ता हुआ पंछी आकर आपके कंधे मै बैठ जाये प्यार उसी को कहते है..

8. आँसूओ से शिकायत क्या करे
दर्द मे साथ निभाया करते है मेरा
बस बेवक्त महफ़िल मे गिर जाते है
जिक्र कोई कर बैठे जो तेरा

9. इन ठंडी हवाओने दर्द को मेरे फिर से बढाया है
जाने कौन सी वजह है याद आज फिर से तू बहुत आया है

10. तेरी सूरत सी कोई सूरत नही दिखती
वरना बाजार मे  तस्वीरो की  कहाँ कमी है

रविवार, 22 नवंबर 2015

Shayari Part.45

1. मेरी ज़िन्दगी के मेहरबान तुम बनो,
दिल में बस जाओ साँसों की पहचान तुम बनो,
इक सवाल बन जाऊं ये मंज़ूर है मुझे,
पर सवाल बनूं मैं तो उसका जबाव...
..तुम बनो |

2. इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया,
हर खुशी से हमे अनज़ान कर दिया,
हमने तो कभी नही चाहा की
हमे भी मोहब्बत हो,
लेकिन आप की एक नज़र ने हमे नीलाम कर दिया

3. जब गिला शिकवा अपनों से हो
तो ख़ामोशी भली..
अब हर बात पर जंग हो
जरूरी तो नही..

4. तेरी चाहत का ऐसा नशा चढ़ा है,
की शायरी हम लिखते है,
और दर्द पूरा ग्रुप सहता है ।

5. रंगो से डर नहीं लगता यारो ,
रंग बदलने वाले लोगो से लगता है

6. तुझको जितना भी मैंने भुलाया,
उतना ही ख्याल तेरा आया..

7. मै आशिकी के उस Level पर हुँ,
जहा से इश्क Uninstall भी नही हो सकता..

8. दिल भी वही है, धडकन भी वही हैं.......
बस सुनने वाले की नीयत बदल गई है . !!

9. हर चीज की एक इंतहा होती है..!
फिर ये मोहब्ब़त क्यूं बेइंतहा होती है..!!

10. ये उडती जुल्फें , ये बिखरी मुस्कान,
एक अदा से संभलुँ, तो दुसरी होश उडा देती है !

Shayari Part.44

1. ईश्क की गहराईयो में खूब सूरत क्या है,
मैं हूं , तुम हो, और कुछ की जरूरत क्या है!

2. जो दिल के आईने में हो वही हैं प्यार के काबिल ,
वरना दिवार के काबिल तो हर
तस्वीर होती हैं

3. मरने वाले तो एक दिन बिन
बताए मर जाते है ....
रोज़ तो वो मरते है ....
जो खुद से ज़्यादा किसी को चाहते हैं ....!

4. घोंसला बनाने में यूँ मशग़ूल हो गए,
उड़ने को पंख हैं हम ये भी भूल गए...

5. यूँ तो कटे हुए उस पेड को एक जमाना हो गया हैं
मगर ढूँढने अपना ठिकाना एक परींदा रोज आता है.!!

6. बहुत अंधेरा है इस दिल के कमरे में...
सोचता हूँ क्यों न कुछ ख्वाब जलाऐ जाऐं.......

7. आज हम अलग है तो वजह सिर्फ ये है -
उसने मेरी अच्छाई में भी कमियां ढ़ूढ़ी।
और मैंने उसकी कमियों में भी अच्छाई
ढ़ूढ़ी।...

8. कैसे मान लिया तुमने कि मुझको मोहब्बत नहीं रही
एक तेरे अलावा मुझे किसी की ज़रूरत भी तो नही!!

9. ये जो तुम मेरा हालचाल पूछती हो,
कसम से...
बड़ा ही मुश्किल सवाल पूछती हो.. !!

10. चाह कर भी पूछ नहीं सकते हाल तेरा...
डर है कहीं ये ना कह दे की ये हक "तुम्हे" किसने दिया.

शनिवार, 21 नवंबर 2015

Shayari Part.43

1. टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता
इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता
ऐ बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता
की टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता

2. “जाम पे जाम पीनेसे क्या फायदा,
शाम को पी सुबह उतर जाएगी,
अरे दो बूंद मेरे प्यार की पीले,
जिन्दगी सारी नशे मे गुज़र जाएगी”

3. सांपों के मुकद्दर में वो ज़हर कहां! जो
इंसान आजकल सिर्फ बातों में ही उगल रहा है !
साँप तो कोने में बैठा हँस रहा है ! क्योकि
इन्सान ही आजकल इन्सान को डंस रहा है!

4. जुकी जुकी नजर तेरी, जो कमाल कर जाती हैं
उठती हे एक बार तो, सौ सवाल कर जाती हैं

5. वो नजर कंहा से लाऊँ जो तुम्हें भुला दे,
वो दवा कंहा से लाऊँ जो ईस दर्द को मिटा दे,
मिलना तो लिखा रहेता है तकदिरो में,
पर वो तकदिर कंहा से लाऊँ जो हमको मिला दे..

6. जबसे नज़रें मिलीं है तुमसे..
ऐसा लगता है
जैसे दिल पर दस्तखत हो गये हो तेरे नाम के..

7. ये झूठ है..
के मोहब्बत किसी का दील तोड़ती है......
लोग खुद ही टुटजाते  है....
मोहब्बत  करते-करते...

8. बिन तेरे यह जहा अब नही...
तु है जहा है रब वही...
तु है तो है मायने मेरे...
वरना कोई मेरा मतलब नही...!!

9. रूकती अगर रात तो दिन की सुनाता

अब दिन को क्या कहूं कि रात कैसथी।

10. आइना और दिल वैसे तो दोनो ही बडे नाज़ुक होते है
लेकिन आइने मे तो सभी दिखते है और दिल मे सिर्फ अपने दिखते है..!!

Shayari Part.42

1. जिंदगी जख्मो से भरी हैं वक़्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो मौत के सामने हैं फिलहाल जिंदगी से जीतना सीख लो…

2. भगवान का दिया कभी अल्प नहीं होता,
जो टूट जाये वो संकल्प नहीं होता,
हार को जीत से दूर ही रखना,
क्योकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता

3. दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने;
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने;
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का;
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने;

4. जिंदगी हे सफर का सील सिला,
कोइ मिल गया कोइ बिछड़ गया,
जिन्हे माँगा था दिन रात दुआ ओ मे,
वो बिना मांगे किसी और को मिल गया.

5. मे तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती,
मे जवाब बनता अगर तू सबाल होती,
सब जानते है मैं नशा नही करता,
मगर में भी पी लेता अगर तू शराब होती!

6. मंज़िलो से अपनी डर ना जाना,
रास्ते की परेशानियों से टूट ना जाना,
जब भी ज़रूरत हो ज़िंदगी मे किसी अपने की,
हम आपके अपने है ये भूल ना जाना.

7. हम तो लिख देते हैं जे़हन में जो आता है
जुड़ जाता है
ग़र आपके दिल से तो बस इत्तेफाक समझिये...!!!

8. नादान है बहुत जरा तुम ही समझाओ यार उसे कि
यूँ " खत" को फाड़ने से मोहब्बत कम नहीं होती,

9. इतना बता दो कैसे साबित करूँ कि तुम याद आते हो।
शायरी तुम समझते नहीं और अदाएं मुझे आती नहीं॥

10. आग लगी थी मेरे घर को, किसी सच्चे दोस्त ने पूछा..!
क्या बचा है ? मैने कहा मैं बच गया हूँ..!
उसने हँस कर कहा, "फिर साले जला ही क्या है..!!

Shayari Part.41

1. आवारगी छोड़ दी हमने तो लोग भूलने लगे है
वरना, . . . .
शोहरत कदम चूमती थी
जब हम बदनाम हुआ करते थे….!!!

2. जहाँ पे फूल खिलने थे,
वही खिलते तो अच्छा था,
तुम्ही को हमने चाहा था,
तुम्ही मिलते तो अच्छा था...!!

3. महफील भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा ,
ङुबी जो मेरी कस्ती तो साहील भी रोयेगा ,
हम इतना प्यार बीखेर देगे इस दुनीया मे के,
मेरी मौत पे मेरा कातील भी रोयेगा……!!

4. नादान है कितना वो कुछ समझता ही नहीं......
सीने से लगा के पूँछता है के धड़कने तेज क्युं हैं....॥

5. पूछने से पहले ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियां...
कुछ आँखें ही इतनी हाज़िर जवाब होती हैं.

6. ये जो डूबी हैं मेरी आँखें अश्क़ों के दरिया में
ये माटी के पुतलों पर भरोसे की सज़ा हैं

7. वक्त नूर को बेनूर कर देता है,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपने से दूर होना,
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है

8. कोन किसका रकीब (enemy) होता है,
कोन किसका हबीब (friend) होता है
बन जाते रिश्ते -नाते जहाँ
जिसका नसीब होता है|

9. तू चाँद मे सितारा होता आसमान के एक आशियाना में
एक आशियाना हमारा होता लोग तुम्हे दूर से देखते
नज़दीक से देखने का हक़ बस हमारा होता|

10. कोन जाने कब मौत का पैगाम आ जाए,
ज़िंदगी की आखरी शाम आ जाए,
हमे तो इंतजार है उस शाम का
जब हमारी ज़िंदगी किसी के काम आ जाए..

शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

Shayari Part.40

1. माना के किस्मत पे मेरा कोई ज़ोर नही…
पर ये सच है के मोहब्बत मेरी कमज़ोर नही,
उस के दिल मे, उसकी यादो मे कोई और है लेकिन,
मेरी हर साँस में उसके सिवा कोई और नही..

2. मोहब्बत का नतीजा, दुनिया में हमने बुरा देखा,
जिन्हे दावा था वफ़ा का, उन्हें भी हमने बेवफा देखा.

3. तुम आये तो लगा हर खुशी आ गई
यू लगा जैसे ज़िन्दगी आ गई
था जिस घड़ी का मुझे कब से इंतज़ार
अचानक वो मेरे करीब आ गई …………

4. ज़िन्दगी हसीन है , ज़िन्दगी से प्यार करो…..
हो रात तो सुबह का इंतज़ार करो…..
वो पल भी आएगा, जिस पल का इंतज़ार हैं आपको….
बस रब पर भरोसा और वक़्त पे ऐतबार करो....

5. कली बेंच देगें चमन बेंच देगें,
धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें,
कलम के पुजारी अगर सो गये तो…
ये धन के पुजारी वतन बेंच देगें।

6. अपनी तक़दीर में तो कुछ ऐसा ही सिलसिला लिखा है,
किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया,
तो किसी ने अपना बना कर वक़्त गुज़ार लिया……..

7. रहें दुरियाँ... तो क्या हुआ..
याद नज़रों से नहीं, दिल से किया जाता है...

8. मेरी गलतियां मुझसे कहो
दूसरो से नहीं...
कियोंकि सुधार ना मुझे है उनको नहीं

9. ये नादानी भी,
सच मे बेमिसाल है...!
अंधेरा दिल मे है,
और दिये मन्दिरों मे जलाते हैं.!

10. किसी ने धूल क्या झोकी आखों मे ...
कम्बख़्त पहले से बेहतर दिखने लगा ।

Shayari Part.39

1. मत छीन अपना नाम मेरे लब से इस तरह, इस बे नाम ज़िंदगी में तेरा नाम ही तो है जीने का एक सहारा. .

2. मै फिर से निकलूंगा तलाश -ए-जिन्दगी में ....
दुआ करना दोस्तों इस बार किसी से इश्क ना हो

3. गुलाम बनकर जिओगे तो.
कुत्ता समजकर लात मारेगी तुम्हे ये दुनिया
नवाब बनकर जिओगे तो,
सलाम ठोकेगी ये दुनिया….

4. “दम” कपड़ो में नहीं, जिगर में रखो….
बात अगर कपड़ो में होती तो,
सफ़ेद कफ़न में, लिपटा हुआ मुर्दा भी
“सुल्तान मिर्ज़ा” होता.

5. उस जैसा मोती पूरे समंद्र में नही है,
वो चीज़ माँग रहा हूँ जो मुक़्दर मे नही है,
किस्मत का लिखा तो मिल जाएगा मेरे ख़ुदा,
वो चीज़ अदा कर जो किस्मत में नही है…

6. वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी…
मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी…
उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना…
वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी.

7. कोई खुशियों की चाह में रोया
कोई दुखों की पनाह में रोया..
अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का..
कोई भरोसे के लिए रोया..
कोई भरोसा कर के रोया..

8. वक्त बदल जाता है जिंदगी के साथ जिंदगी बदल जाती है
वक्त के साथ वक्त नहीं बदलता दोस्तों के साथ बस दोस्त बदल जाते हैं वक्त के साथ…

9. इश्क़ और दोस्ती मेरी ज़िन्दगी के दो जहाँ है इश्क़ मेरा रूह तो दोस्ती मेरा इमां है
इश्क़ पे कर दूँ फ़िदा अपनी ज़िन्दगी मगर दोस्ती पे तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है

10. जादू है उसकी हर एक बात मे, याद बहुत आती है दिन और रात मे,
कल जब देखा था मैने सपना रात मे, तब भी उसका ही हाथ था मेरे हाथ मे…

Shayari Part.38

1. घर से बाहर कोलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली….
सारी गली उनके पीछे निकली…
इनकार करते थे वो हमारी मोहबत से……….
और हमारी ही तसवीर उनकी किताब से निकली………

2. हमें कोई ग़म नहीं था, ग़म-ए-आशि़की से पहले,
न थी दुश्मनी किसी से, तेरी दोस्ती से पहले

3. रूह तक नीलाम हो जाती है इश्क के बाज़ार में,
इतना आसान नहीं होता किसी को अपना बना लेना

4. ये भी एक तमाशा है इश्क ओ मोहब्बत में दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है

5. उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं,
ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी

6. डरता हूँ कहने से की मोहब्बत है तुम से ......!!
की मेरी जिंदगी बदल देगा तेरा इकरार भी और इनकार भी ...!!

7. सलीक़ा हो अगर भीगी हुई आँखों को पढने का,
तो फिर बहते हुए आंसू भी अक्सर बात करते हैं

8. दम तोड़ जाती है हर शिकायत लबों पे आकर,
जब मासूमियत से वो कहती है मैंने क्या किया है ?

9. पढ़ रहा हूँ मै इश्क़ की किताब ऐ दोस्तों…… ग़र बन गया वकील तो बेवफाओं की खैर नही

10. ना शौक दीदार का… ना फिक्र जुदाई की, बड़े खुश नसीब हैँ वो लोग जो…मोहब्बत नहीँ करते

गुरुवार, 19 नवंबर 2015

Shayari Part.37

1. मुझको रुलाकर , दिल उसका भी रोया तो होगा
चेहरा आसुओ से उसने भी धोया तो होगा
अगर न किया हासिल हमने प्यार मे
कुछ न कुछ उसने भी खोया तो होगा ।

2. पूछा जो हमने किसी और के होने लगे हो क्या ?
वो मुस्कुरा के बोले … पहले तुम्हारे थे क्या .?

3. कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं,
लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं,
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर,
की पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं …!!!

4. बेखबर हो गए है कुछ दोस्त हमसे,
जो हमारी ज़रूरत को महसूस नहीं करते.
कभी बहुत बातें किया करते थे हमसे,
अब खेरियत तक नहीं पूछते …!!!

5. तेरी मोहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए वरना,
हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं करते …

6. सुनकर ज़माने की बातें, तू अपनी अदा मत बदल,
यकीं रख अपने खुदा पर, यूँ बार बार खुदा मत बदल ……!!

7. ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों में आने की आदत छोड़ दो तुम,
कसूर तुम्हारा होता है और लोग मुझे आवारा समझते हैं..!!

8. इश्क वाले आँखों की बात समझ लेते हैं ,
सपनो में मिल जाये तो मुलाक़ात समझ लेते हैं.
रोता तो असमान भी हैं अपने प्यार के लिए ,
पर लोग उसे बरसात समझ लेते हैं ...!

9. क्या फर्क है दोस्ती और मोहोब्बत में,
रहते तो दोनों दिल में ही है… ?
लेकिन फर्क तो है…..
बरसो बाद मिलने पर दोस्ती सीने से लगा लेती है,
और मोहोब्बत नज़र चुरा लेती है…!!

10. टूट कर भी कम्बख्त धड़कता रहता है ,
मैने इस दुनिया मैं दिल सा कोई वफादार नहीं देखा।

बुधवार, 18 नवंबर 2015

Shayari Part.36

1. मुझे मालूम था कि वो रास्ते
कभी मेरी मंजिल तक नही जाते थे,
फिर भी मैं चलता रहा, क्यूंकि
उस राह में कुछ अपनों के घर भी आते थे|

2. कुछ लिखा नही वक्त नही था !
क्योंकि ...
कभी हम भी व्यस्त रहते है !!!!
उसको भुलाने मे ------

3. फुर्सत निकालकर आओ कभी
मेरी महफ़िल में,
लौटते वक्त दिल नहीं पाओगे
अपने सीने में ।।

4. हम दुश्मन से भी खुद्दारी की उम्मीद रखते है,.....
सर किसी का भी हो झुका हुआ अच्छा नही लगता..

5. अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,
समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी.

6. अब किसी और से मुहब्बत करलू तो शिकायत मत करना…।।
ये बुरी आदत भी मुझे तुमसे ही लगी है…..।।

7. आज कोई नया जख्म नहीं दिया उसने मुझे, कोई पता करो वो ठीक तो है ना

8. पूछ कर मेरा पता बदनामिया मत मोल ले ख़त किसी फूटपाथ पर रख दे, मुझे मिल जायेगा

9. साथ भी छोडा तो कब,जब सब बुरे दिन कट गए |
ज़िन्दगी तुने कहा आकर दिया धोखा मुझे ||

10. किरण चाहू तो दुनिया के सारे अँधेरे घेर लेते है |
कोई मेरे तरह जी ले तो जीना भूल जायेगा ||

Shayari Part.35

1. गरीब की थाली में पुलाव आया हें........
लगता हें शहेर में फीर चुनाव आया हें.....!!!!!

2. उसके सामने बैठ हाथ मे जाम लिए...
      बहकने का मज़ा ही कुछ और है...
इधर शराब उतरती है...
        उधर खुमारी चढ़ती है...

3. जरा जरा सी मिल मुझे
मैं जरा जरा सा जी लु जरा..
जरा जरा सा करिब आ मेरे
मैं जरा जरा तो होश में रहु .

4. शमा से रूठ के परवाने कहाँ जाएंगे...
ख़ाक हो जाएंगे दीवाने जहां जाएंगे...

5. एक खूबसूरत कहानी...
        रात के आगोश मे पनाह लेगी...
चाँद निकाह कराएगा...
         चाँदनी गवाही देगी...

6. मिलते ही वो सेल्फी लेती है
बात अब कहा करती है..
फिलींग लवली स्टेटस अपडेट करती है
मगर मुझे वक्त ही कहा देती है

7. परछाई तो शांत मौजो में बना करती हे..
   तुफानो में तो अक्सर साये भी बिखर जाते हे..

8. तुम एहसासों के पंख लगाये आसमान में उड़ती रही..
में तुम्हारी आसमान से पड़ती परछाई को थामे शांत दरिया में बहता रहा..

9. हर रात का बस यही फलसफा रहा हे..
बड़ी दूर तक जाती हे ख्वाइशें एक एहसास की तलाश में..

10. ख्याल में बड़ी ताक़त होती हे अगर ख्याल तामीरी हो
तो इंसान बुलंदियां पर पहुँच
सकता है

सोमवार, 16 नवंबर 2015

Shayari Part.34

1. आएंगे हम याद तुम्हे एक बार फिर से..

जब तेरे अपने फ़ैसले तुझे सताने लगेंगे...

2. सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको...
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको...
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही
होगा,
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको...!!!

3. तकदीर लिखने वाले एक एहसान लिख दे,
मेरे दोस्त की तकदीर में
मुस्कान लिख दे,
ना मिले जिन्दगी में कभी
भी दर्द उसको,
चाहे उस की किस्मत में मेरी
जान लिख दे..

4. उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं,
वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं,
सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करें,
लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते है

5. जब से देखा है तेरी आँखों मे झाक कर,
कोई भी आईना अच्छा नहीं लगता,
तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए हैं दीवानें,
तुम्हें कोई और देखें अच्छा नहीं लगता...!!

6. “किसी और से नहीं पर खुद से गिला है
मुझको,
शायद खुद मेरी वजह से मेरी
ज़िन्दगी छोङ गई मुझको।

7. उनका भी कभी हम दीदार करते है,
उनसे भी कभी हम प्यार करते है,
क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी,
पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है !

8. दो अश्क मेरी याद मे बहा जाते तो क्या जाता...
चँन्द कालिया लाश पे बिछा जाते तो क्या जाता ...
आये हो मेरी मैय्यत पर सनम नक़ाब औढकर तुम ...
अगर ये चांद का टुकडा दिखा जाते तो क्या जाता...

9. कुछ रिश्ते ता उम्र अगर बेनाम रहे तो अच्छा है,
आँखों आँखों में ही कुछ पैगाम रहे तो अच्छा है,
सुना है मंज़िल मिलते ही उसकी चाहत मर जाती है,
गर ये सच है तो फिर हम नाकाम रहें तो अच्छा है,
जब मेरा हमदम ही मेरे दिल को न पहचान सका,
फिर ऐसी दुनिया में हम गुमनाम रहे तो अच्छा है..

10. उठ-उठ के बैठते हैं रातों का हाल है,
दिन एक गुजरता है जैसे एक साल है,
फिर भी न हो यकीन मेरी
आँखों से पूछ लो,
जब से गए हो आज तक गीला रुमाल है ।।