शनिवार, 23 जुलाई 2016

Shayari part 102

तेरी डोली उठी, मेरी मैय्यत उठी;
फूल तुझ पर भी बरसे, फूल मुझ पर भी बरसे;
फर्क सिर्फ इतना सा था,
तू सज गई, मुझेसजाया गया;
तू भी घर को चली, मैं भी घर को चला;
फर्क सिर्फ इतना सा था,
तू उठ के गई, मुझेउठाया गया;
महफिल वहां भी थी, लोग यहां भी थे;
फर्क सिर्फ इतना सा था,
उनका हंसना वहां,इनका रोना यहां;
काजी उधर भी था, मौलवी इधर भी था;
दो बोल तेरे पढ़े, दो बोल मेरे पढ़े;
तेरा "निकाह" पढ़ा, मेरा "जनाजा" पढ़ा;
फर्क सिर्फ इतना सा था,
तूझे अपनाया गया,मुझे दफनाया गया !

Shayari part 108

Shayari part 107 ( gajal )

1. खुशबू कि तरह आया वो तेज़ हवाओं में
मांगा था जिसे हमने दिन रात दुआओं में
तुम छत पे नहीं आये में घर से नहीं निकला
ये चाँद बहुत भटका सावन कि घटाओं में
इस शहर में एक लड़की बिलकुल है ग़ज़ल जैसी
बिजली सी घटाओं में खुशबू सी हवाओं में
मौसम का इशारा है खुश रहने दो बच्चों को
मासूम मोहब्बत है फूलों कि खताओं में
भगवान् ही भेजेंगे चावल से भरी थाली
मज़लूम परिंदों कि मासूम सभाओं में
दादा बड़े भोले थे सब से यही कहते थे
कुछ ज़हर भी होता है अंग्रेजी दवाओं में
2. आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समन्दर नहीं देखा
बेवक़्त अगर जाऊँगा, सब चौंक पड़ेंगे
इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा
जिस दिन से चला हूँ मेरी मंज़िल पे नज़र है
आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुमने मेरा काँटों-भरा बिस्तर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छूकर नहीं देखा
3. मै कब कहता हूँ वो अच्छा बहुत है
मगर उसने मुझे चाहा बहुत है
खुदा इस शहर को महफूज़ रखे
ये बच्चों की तरह हँसता बहुत है
मै तुझसे रोज़ मिलना चाहता हूँ
मगर इस राह में खतरा बहुत है
मेरा दिल बारिशों में फूल जैसा
ये बच्चा रात में रोता बहुत है
इसे आंसू का एक कतरा न समझो
कुँआ है और ये गहरा बहुत है
उसे शोहरत ने तनहा कर दिया है
समंदर है मगर प्यासा बहुत है
मै एक लम्हे में सदियाँ देखता हूँ
तुम्हारे साथ एक लम्हा बहुत है
मेरा हँसना ज़रूरी हो गया है
यहाँ हर शख्स संजीदा बहुत है
4. वो चांदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है
बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है
उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से
तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिये बनाया है
कहा से आई ये खुशबू ये घर की खुशबू है
इस अजनबी के अँधेरे में कौन आया है
महक रही है ज़मीं चांदनी के फूलों से
ख़ुदा किसी की मुहब्बत पे मुस्कुराया है
उसे किसी की मुहब्बत का ऐतबार नहीं
उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है
तमाम उम्र मेरा दम उसके धुएँ से घुटा
वो इक चराग़ था मैंने उसे बुझाया है
5. होठों पे मुहब्बत के फ़साने नहीं आते
साहिल पे समंदर के ख़ज़ाने नहीं आते।
पलके भी चमक उठती हैं सोते में हमारी
आंखों को अभी ख़्वाब छुपाने नहीं आते।
दिल उजडी हुई इक सराय की तरह है
अब लोग यहां रात बिताने नहीं आते।
इस शहर के बादल तेरी जुल्फ़ों की तरह है
ये आग लगाते है बुझाने नहीं आते।
क्या सोचकर आए हो मुहब्बत की गली में
जब नाज़ हसीनों के उठाने नहीं आते।
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।
6. तेरी हर बात मोहब्बत में...
तेरी हर बात मोहब्बत में गंवारा करके;
दिल के बाज़ार में बैठे हैँ ख़सारा करके;
एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे;
वो अलग हट गया आँधी को इशारा करके;
मुन्तज़िर हूँ कि सितारों की ज़रा आँख लगे;
चाँद को छत पे बुला लूँगा इशारा करके;
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूँद भंवर है जिसकी;
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।
7. आगे सफर था और पीछे हमसफर था..
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता, उस वक्त मैं कहाँ जाता...
मुद्दत का सफर भी था और बरसो का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....
यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की, मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.
Copy@Whatsapp

Shayari part 105

1. दीवाने तेरे हैं, इस बात से इनकार नहीं;
कैसे कहें कि हमें आपसे प्यार नहीं;
कुछ तो कसूर है आपकी निगाहों का;
हम अकेले तो गुनेहगार नहीं।
2. नज़र चाहती है दीदार करना;
दिल चाहता है प्यार करना;
क्या बतायें इस दिल का आलम;
नसीब में लिखा है इंतजार करना!
3. उल्फत में अक्सर ऐसा होता है;
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है;
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी;
हमसफर उनका कोई और होता है!
4. हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे;
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे;
किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा;
हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे।
5. किसी ने इक नाराज शख्स से पूछा की गुस्सा क्या है,
उस शख्स ने बहुत खुबसूरत जवाब दिया,
दूसरे की गलती की सजा खुद को देना..
6. बरसो की चाहत को बदलते देखा हैं..
चाहने वालो को मुकरते देखा हैं..
कैसे सजाऐं मुहब्बत का जहाँ,
हर सपने को टुट के बिखरते देखा है..
7. कुछ देर तेरे साथ चलना बाकी है।
शमसान मैं जलता छोड़ कर मत जाना,
वरना रूह कहेगी कि रुक जा,
अभी तेरे यार का दिल जलना बाकी है।
8. जब भी मिलेगी वो मुझे सालों के बाद
जैसे हक़ीक़त मिलेगी मुझे ख़यालों के बाद
मैं पूंछूगा उससे ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोयेगी मेरे सवालों के बाद..
9. मुहब्बत तो मेरी आज भी तू है
पर तेरी करतूतों पे मैं शर्मिंदा हूँ,
मर हीं जाता देखकर बेवफाई तेरी
पर दुआ अपनों की, देख आज भी जिन्दा हूँ
10. आज फिर ये दिल बेचैन हो चला
आज फिर किसी की याद आ गई
पलकों ने रोका था जिन अश्कों को
उन अश्कों की फिर से बाढ़ आ गई
आज फिर तेरी याद आ गई...

Shayari part 104

1. जिसकी शायरी मेँ होती हैँ अक्सर सिसकियाँ...
वो शायर नहीँ किसी बेवफा का दिवाना होता है...
2. “कुछ लम्हे बिताएं हैं मैंने उसके संग,
कैसे कह दूं खुद को कि बदनसीब हूँ मैं….”॥
3. उसने देखा ही नहीं, अपनी हथेली को कभी,
उसमे हल्की सी लकीर, मेरी भी थी.....
4. हम वो ही हैं, बस जरा ठिकाना बदल गया हैं अब...!!!
तेरे दिल से निकल कर, अपनी औकात में रहते है...!!!
5. मालूम नहीं क्यूँ मगर कभी कभी अल्फाजों से ज्यादा,
मुझे तेरा नाम लिखना अच्छा लगता है....!!
6. कई लोगो से सुने थे मोहब्बत के किस्से..
खुद कर ली तो जाना ये बदनाम क्यूँ है..
7. डर लगता है उसके तस्वीर की तारीफ करने में,
जमाना पूछ ना बैठे ये तेरी कौन लगती है.....?
8. लोग पढ़ लेते हैं मेरी आखों से तेरे प्यार का नशा..
मुझ से अब तेरे इश्क़ की हिफाजत नहीं होती..
9. तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास...
लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको..
10. लोग कहते हैं कि समझो तो खामोशियां भी बोलती हैं,
मैं अरसे से खामोश हूं और वो बरसों से बेखबर है...

Shayari part 51

1. लिखने-लिखाने का ये सबब मिला हमें... 
वो कहते हैं मुझे...बहुत बातें आ गई हैं तुम्हें..!!

2. उससे मिला हूँ जब  से
दील चाहता है
सबसे बिछड़ जाऊं

3. "आप जिस पर आंख बन्द कर के भरोसा करते है,
अक्सर वही आप की आंखे खोल जाता है"

4. हम वो हैं जो आँखों में आँखें डाल के सच जान लेते हैं 
तुझसे मुहब्बत है बस इसलिये तेरे झूठ भी सच मान लेते हैं...

5. मेरा कत्ल करके क्या मिलेगा तुमको....
हम तो वैसे भी तुम पर मरने वाले हैं ....!!

6. शीशे में डूब कर पीते रहे, उस ‘जाम’ को,
कोशिशें तो बहुत की मगर, भुला न पाए एक ‘नाम’ को..

7. "वो करीब बहुत है...मगर दूरियों के साथ...,
हम दोनों जी तो रहे है...मजबूरीयों के साथ...।"

8. तुझे याद करके जागता हूँ - तुझे याद करके सोता हूँ.
बस, ज़िन्दगी में इसके सिवा और कुछ भी नहीं है..

9. जिसे हम सबसे ज्यादा चाहते है,
उसीमें सबसे ज्यादा ताकत होती है,
हमें रुलाने की...

10. क्या हुई खता हमसे ऐसी,
जो किस्मत हमारी हमसे रुठ गई,
क्यों हमें रोशनी की किरण दिखाके,
अंधेरों में दूबा गया कोई....

सोमवार, 18 जुलाई 2016

Shayari part 103

1. शायरी मेरा शौक नहीं…
ये तो मोहोब्बत की कुछ सज़ाएं है
2. बुरी आदतें अगर वक़्त पे ना बदलीं जायें,
तो वो आदतें आपका वक़्त बदल देती हैं
3. प्यार करता हु इसलिए फ़िक्र करता हूँ,
नफरत करुगा तो जिक्र भी नही करुगा
4. मेरी आँखों में वो नशा है..
जो सामने वाले को उलझन में डाल देता है॥
5. रियासते तो आती जाती रहती हे,
मगर बादशाही करना तो..
आज भी लोग हमसे सीखते हे!
6. तुम्हारा सिर्फ़ हवाओं पे शक़ गया होगा,
चिराग़ ख़ुद भी तो जल-जल के थक गया होगा..
7. तु बस मेरी मोहब्बत को संभाल के रख
दुनिया को मैं अकेले संभाल लुगा
8. ना भगवा मेरा है , ना हरा मेरा है|
हम हिन्दुस्तानी है पूरा तिरंगा मेरा है|
9. मेरे क़दमों में पूरी कायनात भी रख दी गई थी....
हमने तब भी तुम्हारी यादों का सौदा नहीं किया
10. इंसान बिकता है, कितना महँगा या सस्ता
ये उसकी मजबूरी तय करती है..

मंगलवार, 5 जुलाई 2016

Shayari part 17

part 1

1. दीवाने तेरे हैं, इस बात से इनकार नहीं;
कैसे कहें कि हमें आपसे प्यार नहीं;
कुछ तो कसूर है आपकी निगाहों का;
हम अकेले तो गुनेहगार नहीं।
2. नज़र चाहती है दीदार करना;
दिल चाहता है प्यार करना;
क्या बतायें इस दिल का आलम;
नसीब में लिखा है इंतजार करना!
3. उल्फत में अक्सर ऐसा होता है;
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है;
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी;
हमसफर उनका कोई और होता है!
4. हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे;
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे;
किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा;
हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे।
5. किसी ने इक नाराज शख्स से पूछा की गुस्सा क्या है,
उस शख्स ने बहुत खुबसूरत जवाब दिया,
दूसरे की गलती की सजा खुद को देना..
6. बरसो की चाहत को बदलते देखा हैं..
चाहने वालो को मुकरते देखा हैं..
कैसे सजाऐं मुहब्बत का जहाँ,
हर सपने को टुट के बिखरते देखा है..
7. कुछ देर तेरे साथ चलना बाकी है।
शमसान मैं जलता छोड़ कर मत जाना,
वरना रूह कहेगी कि रुक जा,
अभी तेरे यार का दिल जलना बाकी है।
8. जब भी मिलेगी वो मुझे सालों के बाद
जैसे हक़ीक़त मिलेगी मुझे ख़यालों के बाद
मैं पूंछूगा उससे ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोयेगी मेरे सवालों के बाद..
9. मुहब्बत तो मेरी आज भी तू है
पर तेरी करतूतों पे मैं शर्मिंदा हूँ,
मर हीं जाता देखकर बेवफाई तेरी
पर दुआ अपनों की, देख आज भी जिन्दा हूँ
10. आज फिर ये दिल बेचैन हो चला
आज फिर किसी की याद आ गई
पलकों ने रोका था जिन अश्कों को
उन अश्कों की फिर से बाढ़ आ गई
आज फिर तेरी याद आ गई...

शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

Shayari part 16 (Girlfriend)

~ रुक गया है.....आसमान में चाँद चलते चलते……
अब तुम्हें, छत से उतरना चाहिए….
~ तुम छत पे ना जाया करो……..शहर मेँ बेवजह, 
ईद की तारीख बदल जाती है…
~ तेरी मुस्कान से पड़ता हैं.....मेरी सेहत में फ़र्क, 
और  लोग पूछते हैं, दवा का नाम क्या है?

Shayari part 15

उन्होंने जो किया ये शायद उनकी फितरत है!
अपने लिये तो प्यार एक इबादत है!
न मिले उनसे तो मरकर बता देंगे!
कि कितनी मुहब्बत है इस दिल में!
=_=_=_=_=_=_=_=_=
कहती है दुनिया जिसे प्यार, नशा है , खताह है!
हमने भी किया है प्यार , इसलिए हमे भी पता है!
मिलती है थोड़ी खुशियाँ ज्यादा गम!
पर इसमें ठोकर खाने का भी कुछ अलग ही मज़ा है!
=_=_=_=_=_=_=_=_=_=
प्यार किया था तो प्यार का अंजाम कहाँ मालूम था!
वफ़ा के बदले मिलेगी बेवफाई कहाँ मालूम था!
सोचा था तैर के पार कर लेंगे प्यार के दरिया को!
पर बीच दरिया मिल जायेगा भंवर कहाँ मालूम था!
=_=_=_=_=_=_=_=_=
शेर खुद अपनी ताकत से राजा कहलाता है,जंगल में कभी चुनाव नही होते !!
=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×
औकात की बात मत कर ‪‎ऐ दोस्त ,लोग तेरी ‪बंदूक से ज्यादा मेरी ‪आंखो से डरते है !!
=×=×=×=×=×=×=×=×=×=
मुझे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान है बहुत लोग, पर किसी ने मेरे पैरो के छाले नहीं देखे !!
=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×
ज़मीं पर रह कर आसमां को छूने की फितरत है मेरी, पर गिरा कर किसी को ऊपर उठने का शौक़ नहीं मुझे !!
=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=
बेमतलब की दुनियाँ का किस्सा ही ख़त्म ,अब जैसी दुनियाँ वैसे ही हम !!
=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×
कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ, तो भी कोई बात नहीं वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, बाँट दिया करते है !!
=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×
सीधा साधा दिखता हूँ, मेरा रोल बदल जायेगा, जिस दिन मैं जिद पर आ गया माहौल बदल जायेगा !!
=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×
अकड़ती जा रही हैं हर रोज गर्दन की नसें,
आज तक नहीं आया हुनर सर झुकाने का !!
×××××××××××××××××××
रूठा हुआ है मुझसे इस बात पर ज़माना,
शामिल नहीं है मेरी फ़ितरत में सर झुकाना !!
××××××××××××××××××××
आवारगी छोड़ दी तो लोग भूल जायेंगे,
आवारापन ही सही, कुछ तो पहचान है !!
×××××××××××××××××××××
कैसा अजीब रिश्ता है, ये दिल आज धोखे में हैं... और धोखेबाज आज भी दिल में....!!!!
×××××××××××××××××××
फ़िक्र तो तेरी आज भी करते हैं ,
बस जिक्र करने का हक़ नही रहा..
×××××××××××××××××××××
जब नफरत करते करते थक जाओ........
तो एक मोका प्यार का भी दे देना.
×××××××××××××××××××××××
बस इतना सा असर होगा हमारी यादों का,
कि कभी कभी तुम बिना बात मुस्कुराओगे.
××××××××××××××××××××××
"हम अपने पर गुरुर नहीं करते,
याद करने के लिए किसी को मजबूर नहीं करते.
मगर जब एक बार किसी को दोस्त बना ले,
तो उससे अपने दिल से दूर नहीं करते."
×××××××××××××××××××××××
तेरे छोड जाने के बाद हमने मुहबत नहीं की...
थोड़ी सी तो जिंदगी है अब किस किस को
आजमाते रहेंगे...
×××××××××××××××××××
इस से ज़्यादा तुम्हे..और कितना करीब लाऊँ मैं..
कि तुम्हे दिल में रख कर भी मेरा दिल नहीं भरता..
××××××××××××××××××
नींद आए या ना आए, चिराग बुझा दिया करो,
यूँ रात भर किसी का जलना, हमसे देखा नहीं जाता....!!!!
××××××××××××××××××
मेरे मिज़ाज को समझने के लिए, बस इतना ही काफी है,
मैं उसका हरगिज़ नहीं होता..... जो हर एक का हो जाये।
×××××××××××××××××××
बिकती है ना ख़ुशी कहीं, ना कहीं गम बिकता है. लोग गलतफहमी में हैं, कि शायद कहीं मरहम बिकता है..
×××××××××××××××××××
शुबह हुई कि छेडने लगा है सूरज मुझको । कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो ।।
××===××=======××××
तेरा अंदाज़े सँवरना भी क्या कमाल है ..
तुझे  देखूं तो दिल धड़के, ना देखूं तो बेचैन रहूँ..
××××××××××××××××××××××
कहते है पीने वाले मर जाते है जवानी में,
हमने तो बुजुर्गों को जवान होते देखा है मैखाने में…!!
××××××××××××××××××××
कभी किसी के चेहरे को मत देखो बल्कि उसके दिल को देखो,
क्योंकि अगर "सफेद" रंग में वफा होती तो "नमक" जख्मों की दवा होता .!!!
×××××××××××××
जरा सा छेद क्या हुआ जेब मेँ,
पैसो के साथ-साथ कुछ रिश्ते भी निकल गये !!!
×××××××××××××××××××
~ पहचान कफन से नही होती है दोस्तों..!!
लाश के पीछे काफिला बयाँ कर देता है रुतबा किसी हस्ती का है....
×××××××××××××××××××
न देख आसमान को इतनी हसरत से फ़राज़,
वो सितारा टूट गया जिसकी तूझे तलाश थी...!!!
×××××××××××××××××
कैसे करू भरोसा गैरों के प्यार पर...
अपने ही मजा लेते हैं अपनों की हार पर...!!!
××××××××××××××××××
आँखों में बसी है प्यारी सूरत तेरी;
और दिल में बसा है तेरा प्यार;
चाहे तू कबूल करे या ना करे;
हमें रहेगा तेरा इंतज़ार!
××××××××××××××××
दुनियाँ को इसका चेहरा दिखाना पड़ा मुझे;
पर्दा जो दरमियां था हटाना पड़ा मुझे;
रुसवाईयों के खौफ से महफिल में आज;
फिर इस बेवफा से हाथ मिलाना पड़ा मुझे।
×××××××××××××××××××××××
वो तो दिवानी थी मुझे तन्हां छोड़ गई;
खुद न रुकी तो अपना साया छोड़ गई;
दुख न सही गम इस बात का है;
आंखो से करके वादा होंठो से तोड़ गई।
×××××××××××××××××
तेरी दोस्ती ने दिया सकूं इतना;
की तेरे बाद कोई अच्छा न लगे;
तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर;
कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे।
××××××××××××××××××
उलझे हुए हैं अपनी उलझनों मे आजकल !
तुम ये न समझना के अब वो चाहत नहीं रही !!!
=_=_=_=_=_=_=_
मेरे दोस्तों ने पूँछा कैसी दिखती है वो मैने हँसकर कहाँ  अंदाजा लगा लो
दोस्तों वो आईना नही आईना उसे देखता है

Shayari part 14 (कविता)

चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं !

देखते हैं उनके पँख थक चुके है,
या अभी भी फड़फड़ाते हैं !

हँसते हैं खिलखिलाकर,
या होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं !

वो बता देतें हैं सारी आपबीती,
या सिर्फ सफलताएं सुनाते हैं !

हमारा चेहरा देख वो,
अपनेपन से मुस्कुराते हैं !

या घड़ी की और देखकर,
हमें जाने का वक़्त बताते हैं !

चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं !

__________________________

हरिवंशराय बच्चनजी की सुन्दर कविता--- अगर बिकी तेरी दोस्ती...
तो पहले ख़रीददार हम होंगे..!
तुझे ख़बर न होगी तेरी क़ीमत ..
पर तुझे पाकर सबसे अमीर हम होंगे..!!
दोस्त साथ हो तो रोने में भी शान है..
दोस्त ना हो तो महफिल भी समशान है!
सारा खेल दोस्ती का है ऐ मेरे दोस्त,
वरना जनाजा और बारात एक ही समान है !!

------------------------------

मै यादों काकिस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुतयाद आते हैं.
मै गुजरे पल को सोचूँतो,
कुछ दोस्तबहुत याद आते हैं.
अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्तबहुत याद आते हैं.
कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै हर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
सबकी जिंदगी बदल गयी
एक नए सिरे में ढल गयी
कोई girlfriend में busy है
कोई बीवी के पीछे crazy हैं
किसी को नौकरी से फुरसत नही
किसी को दोस्तों की जरुरत नही
कोई पढने में डूबा है
किसी की दो दो महबूबा हैं
सारे यार गुम हो गये हैं
तू से आप और तुम हो गये है
मै गुजरे पल को सोचूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
मैं यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।
मैं गुजरे पल को सोचूं तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।
अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाने मुद्दत से,
मैं देर रात तक जागू तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।
कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे
मैं शहर-ऐ-चमन में टहलू तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।
वो पलभर की नाराजगिया,
और मान भी जाना पलभर में,
अब खुद से भी रूठूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।

Shayari part 13

1 - सिखा दी बेवफ़ाई करना ज़ालिम ज़माने ने तुम्हे , कि तुम जो भी सीख जाते हो हम पर ही आजमाते हो .

2 - ” तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी.., एक हम है कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे

3 - “हमें तो प्यार के दो लफ्ज ही नसीब नहीं ,, और बदनाम ऐसे जैसे इश्क के बादशाह थे हम” !!

4 - खुदा भी अब मुझसे बहुत परेशान है…… रोज़ रोज़ जब से दुआ में तुझे मांगने लगा हूँ… .!

5 - आग लगी थी. मेरे घर को. . .
किसी सच्चे दोस्त ने पूछा -:"क्या बचा है. . ? ?
".मैने कहा -:"मैं बच गया हूँ. . ! !".
उसने गले लगाकर कहा -:"फिर जला ही क्या है।

6 - लगता है इस बार मुझे मोहब्बत होकर ही रहेगी ,
आज रात ख्वाब में मैंने खुद को बरबाद होते देखा है…

Shayari part 12

सब कुछ किया पर नाम ना हुआ,
महोबत क्या कर ली बदनाम हो गए।
---------------
उसने मुज से पुछा .. मेरे बिना रह लोगे ..?? सांस रुक गई.. और उन्हें लगा .. हम सोच रहे है
---------------
तुम किसी और से इश्क कर लो ,
हमें अमीर होने में ज़रा वक़्त लगेगा...
--------------
उस शक्स में बात ही कुछ ऐसी थी..
हम अगर दिल न देते तो जान चली जाती
-------------
वो जान गयी थी ,
हमे दर्द में मुस्कराने की आदत हैं
वो रोज नया जख्म देती थी
मेरी ख़ुशी के लिएे
------------
कभी तो यकीन कर लो तुम मेरी मोहब्बत का, कहीँ उमर न गुज़र जाये मुझे आज़माने मेँ…
------------
“कल किसी और ने खरीद लिया
तो शिकायत ऩ करना,
इसलिए आज हम सबसे पहले
तेरे शहर मे बिकने आये है.”
-----------
“अगर मिलती मुझे एक दिन की बादशाही..
तो ऐ दोस्तों…
मेरी रियासत में तुम्हारी तस्वीर के सिक्के चलते…”
------------------
तुम शराफ़त को बाज़ार में क्यूँ ले आए हो दोस्त ये सिक्का तो बरसों से नहीं चलता....
--------------
तेरी आँखों के जादू से तू ख़ुद नहीं है वाकिफ़;
ये उसे भी जीना सीखा देता है जिसे मरने का शौक़ हो।
--------------
चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को ,
उसने तड़प के कहा…. . .
नए कपड़े क्या पहन लिए ,
हमें देखते भी नहीं’…
--------------
जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ.
--------------
उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया ,
याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया ,
वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास ,
जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया..,

Shayari part 11

1. कितना मुश्किल है दुनिया में
ये हुनर अपनाना,
तुमही से प्यार करना और
तुमसे ही फासलें रखना !
=_=_=_=_=_=_=_=

2. मेरे लिए किसी "कातिल" का इन्तजाम न कर,
करेँगी कत्ल खुद मेरी "जरुरतेँ" मुझको।
=_=_=_=_=_=_=_=

3. बादशाह नहीं बाजीगर से पहचानते है लोग ,,
“……क्यूकी…….”
हम रानियो के सामने झुका नहीं करते….!!
=_=_=_=_=_=_=_=

4. नींद भी महबूबा बन गई है,
बेवफा रात भर नहीं आती......  
=_=_=_=_=_=_=_=

5. दरवाजे तेरे कितने भी बड़े कर दिए तूने
मेरे दोस्त...
कास दिल भी थोडा बड़ा कर लेता...
तेरे घर पर आने वाले तेरे दरवाजे देख कर नहीं दिल देख कर आयेंगे...।
=_=_=_=_=_=_=

6. उसको रब से इतनी
बार माँगा है कि अब..!!
हम सिर्फ हाथ उठाते हैं सवाल फ़रिश्ते खुद लिख देते हैं....!!
=_=_=_=_=_=_=

7. कुछ अमल भी ज़रूरी है  इबादत के लिए
दोस्तों
सिर्फ सजदा करने से किसी को जन्नत नहीं मिलती.... !!
=_=_=_=_=_=

8. ज़ंजीर बदली जा रही थी…

मैं समझा था, रिहाई हो गयी है..!
तेरे लबों को मेरे लब कुछ ऐसे जानते हैं 

  जैसे कोई शराबी शराब को
=_=_=_=_=_=_=

9. फासलों का अहसास तब हुआ?
जब मैंने कहा - मैं ठीक हूँ!
और उसने "मान लिया....
=_=_=_=_=_=_=_=_=

10. "कुछ अल्फ़ाज़ की
तरतीब से बनती है शायरी
और कुछ चेहरे भी पूरी ग़ज़ल होते है....
=_=_=_=_=_=_=_=_=

11. रोज सुबह-सुबह जोर जोर से आवाज़ आती है..
भँगार दे दो, टूटा-फूटा सामान दे दो,
रद्द्दी दे दो...
कितनी बार मन मे आता है कि पूछ ही लूँ कि,
अधूरी इच्छा और टूटे हुए सपनों का क्या दोगे,
जो बरसों से इकट्ठा कर के रखे हैं ..
=_=_=_=_=_=_=

12. चली आती है कमरे में दबे पाँव ही,
हर दफ़े..
तुम्हारी यादों को दरवाज़ा खटखटाने की भी तमीज़ नहीं,.,!!
=_=_=_=_=_=_=_=

13. अंजाम की परवाह होती तो
हम इश्क करना छोड देते ।
प्यार मे जिद होती है ।
और जिद के हम बादशाह हे।।।  
=_=_=_=_=_=_=_=

14. कुछ लोग बडे होने के वहम में मर गये… और जो लोग बडे थे वो अहम में मर गये…
=_=_=_=_=_=_=_=

15. एक कब्रिस्तान के बाहर बोर्ड पे लिखा
था .....
मंजिल तो मेरी यही थी ,
बस ज़िन्दगी बीत गयी यहाँ तक आते
आते ..............
=_=_=_=_=_=

16. तेरा चेहरा हैं जब से मेरी आँखों मैं....
लोग मेरी आँखों से जलते हैं !
=_=_=_=_=_=

17. कालेज मे मिलती होगी डिग्रिया ...
पर आज भी लोग तजुर्बे हमसे लेके जाते हैं...  
=_=_=_=_=_=

18. दुनिया में हर काम मुर्हूत से होता है,
सिर्फ 2 काम ही बिना मुर्हूत से होता है,
दुनिया में आना,और दुनिया से चले जाना
और ये दोनों काम 100%सफल होते है,   
=_=_=_=_=_=

19. मेरी फितरत मे नही है किसी से नाराज होना,
नाराज वो होते है जिनको अपने आप पर गुरुर होता है।

Shayari part 10

जिंदगी एक आइना है , यहाँ पर हर कुछ छुपाना
पड़ता है|
दिल में हो लाख गम फिर भी महफ़िल में
मुस्कुराना पड़ता है |
=-=-=-=-=
राज ना आयेगा मुजपर अब कोई भी सितम
तेरा ,
ईतना बिखर गया हू कि दरिंदगी भी तेरी
शमँसार हो जाये .
=-=-=-=-=
जिंदगी आ बैठ , ज़रा बात तो सुन,
मुहब्बत कर बैठा हूँ , कोई मशवरा तो दे।
=-=-=-=-=
मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने
कि ,
कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि
..
=-=-=-=-=
यूँ ही वो दे रहा है क़त्ल कि धमकियाँ..,
हम कौन सा ज़िंदा हैं जो मर जाएंगे..

=_=_=_=_=_=_=_=
उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना
करे ,
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं…… !!!!!
=-=-=-=-=
जिसे पूजा था हमने वो खुदा तो न बन सका ,
हम ईबादत करते करते फकीर हो गए …!!!
=-=-=-=-=
वो एक रात जला……. तो उसे चिराग कह
दिया !!!
हम बरसो से जल रहे है ! कोई तो खिताब दो
.!!!
=-=-=-=-=
जलते हुए दिल को और मत जलाना ,
रोती हुई आँखों को और मत रुलाना ,
आपकी जुदाई में हम पहले से मर चुके है ,
मरे हुए इंसान को और मत मारना.
=-=-=-=-=
जरा सी चोट से शीशे की तरह टूट गया ,
दिल तो कमबख्त मेरा मुझसे भी बुजदिल
निकला ………

=_=_=_=_=_=_=_=
शायद कोई तराश कर किस्मत संवार दे !
यही सोच कर मैं उम्र भर पत्थर बना रहा !!
=-=-=-=-=
ये भी अच्छा हुआ कि ,
कुदरत ने रंगीन नही रखे ये आँसू .
वरना जिसके दामन में गिरते,
वो भी … बदनाम हो जाता …
=-=-=-=-=
आंसुओसे पलके भीगा लेता हूँ याद तेरी आती है
तो रो लेता हूँ
सोचा की भुलादु तुझे मगर, हर बार फ़ैसला
बदल देता हूँ!
=-=-=-=-=
मैं मर भी जाऊ, तो उसे ख़बर भी ना होने देना
….
मशरूफ़ सा शख्स है , कही उसका वक़्त बर्बाद
ना हो जाये …
=-=-=-=-=
एक ही शख्स था मेरे मतलब का दोस्तों
वो शख्स भी मतलबी निकला ……!!!”

Shayari part 9

चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं ,
मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते है ,
बच के रहना इन हुसन वालों से यारो,
इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं
=-=-=-=-=
मुझे नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से
लेनी पड़ती है ,
जो खुद तो सो जाता है, मुझे करवटों में छोड़
कर !
=-=-=-=-=
लाख हों हम में प्यार की बातें
ये लड़ाई हमेशा चलती है.
उसके इक दोस्त से मैं जलता हूँ
मेरी इक दोस्त से वो जलती है
=-=-=-=-=
मैँ कैसा हूँ ’ ये कोई नहीँ जानता ,
मै कैसा नहीँ हूँ ’
ये तो शहर का हर शख्स बता सकता है…
=-=-=-=-=
ज़िन्दगी में इक मुकाम आया तो था
भूले से सही तेरा सलाम आया तो था
न जानें तुझे खबर है , है की नहीं
मेरे अफ़साने में तेरा नाम आया तो था
=_=_=_=_=_=_=
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा ,
हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा ,
आप तो डर गये मेरी एक ही कसम से ,
आपकी कसम देकर हमें तो हज़ारों ने लूटा….
=-=-=-=-=
नीम का पेड़ था बरसात थी और झूला था
गाँव में गुज़रा ज़माना भी ग़ज़ल जैसा था
=-=-=-=-=
दुनिया तेरी रौनक़ से मैं अब ऊब रहा हूँ
तू चाँद मुझे कहती थी मैं डूब रहा हूँ
=-=-=-=-=
चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं ,
मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते है ,
बच के रहना इन हुसन वालों से यारो,
इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं
=-=-=-=-=
मुझे नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से
लेनी पड़ती है ,
जो खुद तो सो जाता है, मुझे करवटों में छोड़
कर !
=_=_=_=_=_=_=_=
तेरे ही अक्स को तेरा दुश्मन बना दिया
आईने ने मज़ाक़ में सौतन बना दिया….
=-=-=-=-=
कम नहीं मेरी जिंदगी के लिए , चैन मिल जाये
दो घडी के लिए ,
ऐ दिलदार कौन है तेरा क्यों तड़पता है यू
किसी के लिए .
=-=-=-=-=
उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं
सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता ,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल
जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता
=-=-=-=-=
सच्चाई को अपनाना आसान नहीं
दुनिया भर से झगड़ा करना पड़ता है
जब सारे के सारे ही बेपर्दा हों
ऐसे में खु़द पर्दा करना पड़ता है
=-=-=-=-=
किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला ,
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला ,
करके इश्क़ कोई ना बच सका ,
जो बच गया उसे तन्हाई ने मार डाला

Shayari part 8

ये ना पूछ कितनी शिकायतें हैं तुझसे ऐ
ज़िन्दगी,
सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम
बाक़ी तो नहीं .
=-=-=-=-=
ग़ज़ल लिखी हमने उनके होंठों को चूम कर ,
वो ज़िद्द कर के बोले … ‘ फिर से सुनाओ ’…..!!”
=-=-=-=-=
मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुँच चुकी है ,
कि अब उसको प्यार से भी मेसेज करो,
तो वो पूछती है कितनी पी है?………
=-=-=-=-=
एक बार और देख के आज़ाद कर दे मुझे ,
में आज भी तेरी पहली नज़र के कैद में हूँ …!!
=-=-=-=-=
शुक्रिया मोहब्बत तुने मुझे गम दिया,
वरना शिकायत थी ज़िन्दगी ने जो भी
दिया कम दिया…!!
=_=_=_=_=_=
नजर में बदलाव है उनकी , हमने देखा है आजकल !
एक अदना सा आदमी भी , आँख दिखा जाता
है !!
=-=-=-=-=
कोई आँखों में बात कर लेता है ,
कोई आँखों आँखों में मुलाकात कर लेता है.
मुश्किल होता है जवाब देना …
जब कोई खामोश रह करभी सवाल कर लेता है !
=-=-=-=-=
हमें तो प्यार के दो लफ्ज ही नसीब नहीं ,
और बदनाम ऐसे जैसे इश्क के बादशाह थे हम ..
=-=-=-=-=
तुझे तो मोहब्बत भी तेरी ऒकात से ज्यादा
की थी …..
अब तो बात नफरत की है , सोच तेरा क्या
होगा…. .
=-=-=-=-=
वो कहने लगी , नकाब में भी पहचान लेते हो
हजारों के बीच ?
में ने मुस्करा के कहा, तेरी आँखों से ही शुरू हुआ
था “इश्क”, हज़ारों के बीच .”

=_=_=_=_=_=_=

“जाने कब- कब किस- किस ने कैसे-कैसे तरसाया
मुझे ,
तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी
बहुत रुलाया मुझे ”
=-=-=-=-=
में पिए रहु या न पिए रहु , लड़खड़ाकर ही चलता
हु ,
क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब
लगती हे
=-=-=-=-=
बड़ी तब्दीलियां लाया हूँ अपने आप में लेकिन ,
बस तुमको याद करने की वो आदत अब भी है।।
=-=-=-=-=
हमसे ना कट सकेगा अंधेरो का ये सफर …
अब शाम हो रही हे मेरा हाथ थाम लो…. !!!
=-=-=-=-=
तेरी वफाओं का समन्दर किसी और के लिए
होगा,
हम तो तेरे साहिल से रोज प्यासे ही गुजर
जाते हैं !!

Shayari part 7

रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर ……..
लोगो के मुह पे राम नाम था….
और मेरे दिल में बस तेरा नाम था….
=-=-=-=-=
तेरे चेहरे पर अश्कों की लकीर बन गयी ,
जो न सोचा था तू वो तक़दीर बन गयी !!.
=-=-=-=-=
हमने तो फिराई थी रेतो पर उंगलिया ,
मुड़ कर देखा तो तुम्हारी “तस्वीर “बन गयी .!!
=-=-=-=-=
“बिकता है गम इश्क के बाज़ार में,
लाखों दर्द छुपे होते हैं एक छोटे से इंकार में,
हो जाओ अगर ज़माने से दुखी ,
तो स्वागत है हमारी दोस्तीके दरबार में.”
=-=-=-=-=
क्या रखा है अपनी ज़िँदगी के इस अफ़साने मेँ..
कुछ गुज़र गई अपना बनाने मेँ, कुछ गुज़र गई
अपनो को मनाने मेँ ..

=_=_=_=_=_=_=_=_=
मज़हब, दौलत, ज़ात , घराना , सरहद, ग़ैरत,
खुद्दारी ,
एक मुहब्बत की चादर को , कितने चूहे कुतर गए …
=-=-=-=-=
लोगों ने पूछा कि कौन है वोह
जो तेरी ये उदास हालत कर गया ??
मैंने मुस्कुरा के कहा उसका नाम
हर किसी के लबों पर अच्छा नहीं लगता …!
=-=-=-=-=
आंखे कितनी भी छोटी क्यु ना हो ,
ताकत तो उसमे सारे आसमान देखने कि होती
हॆ…
=-=-=-=-=
सुनी थी सिर्फ हमने ग़ज़लों में जुदाई की
बातें ;
अब खुद पे बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा
हुआ !!
=-=-=-=-=
टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर
के…
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो
गया है …!!!!

Shayari part 6

गुज़र जायेगी ज़िन्दगी उसके बगैर भी ,
वो हसरत - ए - ज़िन्दगी है …. शर्त - ए - ज़िन्दगी
तो नहीं ……!!
=-=-=-=-=
याददाश्त की दवा बताने में सारी दुनिया
लगी है !!!…
तुमसे बन सके तो तुम हमें भूलने की दवा बता दो
…!!!
=-=-=-=-=
कुछ तो शराफ़त सीख ले , ए इश्क़ , शराब से ..;
बोतल पे लिखा तो है , मैं जान लेवा हूँ ..!!
=-=-=-=-=
“उनसे क़ह दे कोई जाकर कि हमारी सजा कुछ
कम कर दे,
हम पैशे से मुजरिम नहीं हैं बस गलती से इश्क हुआ
है। …”
=-=-=-=-=
चिराग कोई जलाओ की हो वजूद का
एहसास,
इन अँधेरों में मेरा साया भी छोड़ गया मुझको
!!!
=_=_=_=_=_=_=_
ना छेड किस्सा -ए -उल्फत , बडी लम्बी
कहानी है ,
मैं ज़माने से नहीं हारा , किसी की बात
मानी है ,,,,,, ।।
=-==-=-=
“ शाम खाली है जाम खाली है, ज़िन्दगी यूँ
गुज़रने वाली है,
सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,मैने तन्हाई
मगर बचा ली है ”
=-=-=-=-=
आग सूरज मैँ होती हैँ जलना जमीन को पडता
हैँ,
मोहब्बत निगाहेँ करती हैँ तडपना दिल को
पडता हैँ.
=-=-=-=-=
शायरी इक शरारत भरी शाम है ,
हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है ,
जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा
मयक़दा तो बिना बात बदनाम है ….
=-=-=-=-=
कभी रो के मुस्कुराए , कभी मुस्कुरा के रोए ,
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए ,
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार
लिखा,
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा
के रोए ..
=-=-=-=-=
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई ,
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई ,
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों
से ,
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई .
=-=-=-=-=
देख के हमको वो सर झुकाते हैं ,
बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं,
नफरत हैं तो कह देते हमसे,
गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं ..
=-=-=-=-=
तरक्की की फसल , हम भी काट लेते ..!
थोड़े से तलवे, अगर हम भी चाट लेते ..!!
=-=-=-=-=
किसी साहिल पे जाऊं एक ही आवाज़ आती
है
तुझे रुकना जहाँ है वो किनारा और है कोई !
=-=-=-=-=
नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से।
मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले।

Shayari part 5

तुम से बिछड के फर्क बस इतना हुआ ..
तेरा गया कुछ नहीँ और मेरा रहा कुछ नहीँ ..
=-=-=-=-=
वो जो कहता था तुम न मिले तो मर जाएंगे
हम…
वो आज भी जिन्दा है , ये बात किसी और से
कहने के लिए …
=-=-=-=-=
सुना हे , वोह जब मायुश होते हे , हमे बहोत याद
करते हे
अये खुदा , अब तुहि बता, उसकी खुशी की दुआ
करु या मायुशि कि !!!
=-=-=-=-=
जिंदगी जब किसी दो राह पर आती हैं
एक अजीब सी कशमकश में पड जाती हैं
चुनते हैं हम किसी एक राह को
पर दुसरी राह जिंदगी भर याद आती हैं
=-=-=-=-=
युं खामखा न करो रंगों को मुजपे बरबाद
दोस्तो …
हम तो पहले से ही रंगे हुऐ है इश्कमें…..
=-=-=-=-=
थक सा गया हूँ , खुद को सही साबित करते
करते ,
खुदा गलत हो सकता है , मगर मेरी मुहब्बत नहीं
………..
=-=-=-=-=
खूबियाँ इतनी तो नही हम मे , कि तुम्हे कभी
याद आएँगे ,
पर इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर, आप हमे
कभी भूल नही पाएँगे..
=-=-=-=-=
हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है ,
वरना किसी के मन में खौंफ पेदा करने के लिए
तो बस नाम ही काफी हे .
=-=-=-=-=
आंखे भी संभाल कर बंद करना ऐ दोस्तो ,
पलको के बीच भी, सपने तुट जाया करते है …!
=-=-=-=-=
हमें अंधेरों ने इस कदर घेरा कि
उजालों की पहचान ही खो गयी,
तक़दीर ने हमें इस कदर मारा कि
अपनों की पहचान ही खो गयी,
कोशिशों का हमनें कभी दामन न छोड़ा
पर लगता है हमारी किस्मत ही सो गयी ..
=-=-=-=-=
कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का …
कमबख्त ये दिल भी उसी का वकील निकला
…!!