शनिवार, 12 दिसंबर 2015

Shayari Part.81

1. अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तहा..
तो हम तुमसे नही…. तुम हमसे मोहब्बत करते

2. खरीद लेंगे सबकी सारी उदासियाँ दोस्तों ! सिक्के हमारे मिजाज़ के, चलेंगे जिस रोज !!

3. अगर फुर्सत के लम्हों मे तुम मुझे याद करते हो तो अब मत करना..
क्योकि मे तन्हा जरूर हुँ, मगर फिजूल बिल्कुल नही.

4. हर किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता..
जो मैं नहीं हूँ, वो दिखने का तरीका मुझे नहीं आता ।

5. तज़ुर्बा है मेरा..मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने …..पाँव फिसलते देखे हैं…!

6. किसी ने विश्वास तोडा किसी ने दिल..
और लोगों को लगता है कि..बदल गये हम।

7. कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियां,
ना नफरत की वजह मिल रही है, ना मोहब्बत का सिला

8. कुछ यूँ होगा “बादशाहत” का नज़राना हमारा
कि पूरा शहर आएगा बंद “आखें ” देखने हमारी

9. अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलिया, जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।

10. तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में,
बस कोई अपना नज़र अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता !!

Shayari Part.80

1. मशवरा तो खूब देते हो कि खुश रहा करो…
कभी खुश रहने की वजाह भी दे दिया करो…!!

2. आसमान में उड़ने वाले जरा ये खबर भी रख….!!
जन्नत पहुँचने का रास्ता मिट्टी से ही गुजरता है….!!

3. क्या ओकात है तेरी ए जिन्दगी …
चार दिन की मोहब्बत तुझे बरबाद कर देती है..

4. पता नहीं कैसे पत्थर की मूर्ति के लिए जगह बना लेते हैं घर में वो लोग
जिनके घर माता पिता के लिए स्थान नहीं होता।

5. सुधरी हे तो बस मेरी आदते…वरना मेरे शौक..
वो तो आज भी तेरी औकात से ऊँचे हैं…!!!

6. दुआ कभी खाली नही जाती,
बस लोग इंतजार नही करते..

7. रेत पर नाम कभी लिखते नहीं,रेत पर नाम कभी टिकते नहीं,
लोग कहते है कि हम पत्थर दिल हैं,लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं।

8. सूखे होंटों पे ही होती हैं मीठी बातें
प्यास जब बुझ जाये तो लहजे बदल जाते हैं ..!!

9. हम तो बेज़ान चीज़ों से भी वफ़ा करते हैं,
तुझमे तो फिर भी मेरी जान बसी है।

10. लहरों का सुकून तो सभी को पसंद है, लेकिन
तुफानो में कश्ती निकालने का मजा ही कुछ और है

Shayari Part.79

1. अपनी तन्हाई में अक्सर तेरी हस्ती से जुदा
मैं सोचता रहता हूँ की क्या सोच रहा हूँ

2. हम पर जो गुजरी है, तुम क्या सुन पाओगे,
नाजुक सा दिल रखते हो, रोने लग जाओगे..

3. उनके आने से मिज़ाज़ बदल जाता है
एहसास बदल जाता है
क्या परिचय दू अपनी महोब्बत की इनायत का
शब्दों का इतिहास बदल जाता है लब्जो का अंदाज़ बदल जाता है

4. ना मेरा प्यार कम हुआ ना उसकी नफरत
अपना अपना फर्ज था. दोनो अदा कर गए

5. हक़ से दो तो तेरी नफरत भी कुबूल है हमें ,
खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें!!!

6. दिल बहलाने के लिये ही गुफ्तुगू कर लिया करो जनाब,
मालूम तो मुझे भी है के हम आपको अच्छे नही लगते…

7. वो सीखकर गयी है मोहब्बत मुझसे,
जिससे भी करेगी बेइंतहा बेमिसाल करेगी..

8. मुझे तलाश है जो मेरी रुह से प्यार करे..
वरना इन्सान तो पैसों से भी मिल जाया करते हैं…

9. हमारे जीने का तरीका थोड़ा अलग है,
हम उमीद पर नहीं अपनी जिद पर जीते है!!

10. गलती इतनी हुई की जान से ज्यादा तुझे चाहने लगे हम।
क्या पता था की मेरी इतनी परवाह तुझे लापरवाह कर देगी।

शुक्रवार, 11 दिसंबर 2015

Shayari Part.78

1. शिकवा करने गये थे और इबादत सी हो गई,
तुझे भुलाने की जिद्द थी, मगर तेरी आदत सी हो गई..!

2. बस कर सको तो, एहसास कर के देख लो,
अल्फ़ाज़ों को अब बोलना, अच्छा नहीं लगता।

3. साँसों का टूट जाना, तो आम सी बात है दोस्तों..
जहाँ अपने बदल जाये, मौत तो उसे कहते है…!

4. जो लम्हा साथ हैं उसे जी भर के जी लेना
कम्बख्त ये जिंदगी भरोसे के काबिल नहीं है

5. जरा सा भी नही पिघलता दिल तेरा
इतना क़ीमती पत्थर कहाँ से ख़रीदा है

6. और भी बनती लकीरें दर्द की शायद कई
शुक्र है तेरा खुदा जो हाथ छोटा सा दिया

7. मेरी कबर पे वो रोने आये हैं
हम से प्यार है ये कहने आये हैं
जब ज़िंदा थे तो रुलाया बहुत
अब आराम से सोये हैं तो जगाने आये हैं

8. अपनी तन्हाई में अक्सर तेरी हस्ती से जुदा
मैं सोचता रहता हूँ की क्या सोच रहा हूँ

9. आपने तीर चलाए तो कोई बात नहीं,
हमने जख्म दिखाए तो बुरा मान गए।............

10. जिस दिन तुम किसी दुसरे की बहेन की इज्ज़त के लिए लड़ोगे
बस उसी दिन तुम्हारी बेहेने अपने आप सुरक्षित हो जाएगी

गुरुवार, 10 दिसंबर 2015

Shayari Part.77

1. "चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली,
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे,
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली."

2. न पूरी तरह से क़ाबिल न पूरी तरह से पूरा है,
हर एक शख्स कहीं न कही से अधूरा है.

3. मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना,
पहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुका हूँ!!!!

4. आइना देख कुछ यूँ मुस्कुराया वो,
जैसे खुद का गम खुद से ही छुपाया हो,

5. प्यार में हर आशिक तब हो जाता है मजबूर
जब हसीना दिल तोडकर चली जाती है उससे दूर

6. ना पूरी तरह से गैर हैं......ना पूरी तरह से तेरे हैं !!
पर देख....एक तेरे दूर होने से हम कितने अधूरे हैं..!!

7. ए इश्क मुझको कुछ और जख्म चाहियें
अब मेरी शायरी में वो बात नहीं रही

8. बचपन मे तो फिर भी लुका-छिप्पी
मे हम दोनों मिल जाया करते थे...
जब से बड़े हुए है मिलते ही नहीं है !!

9. बर्बाद करके उसने पूछा,,फिर करोगे मुझसे मोहब्बत?
लहू लहू था दिल,,,मगर होंठ कह गये, ब़ेपनाह य़कीनन ! 

10. शहर भर मेँ एक ही पहचान है 'हमारी'..,
सुर्ख आँखे,गुस्सैल चेहरा और ''नवाबी अदायेँ..

Shayari Part.76

1. जाने क्या सोच के लहरे साहिल से टकराती हैं;
और फिर समंदर में लौट जाती हैं;
समझ नहीं आता कि किनारों से बेवफाई करती हैं;
या फिर लौट कर समंदर से वफ़ा निभाती हैं।

2. कोशिश करो कि ज़िन्दगी का हर लम्हा
अच्छे से अच्छा गुजरे;
क्योंकि....,जिंदगी नहीं रहती पर
अच्छी यादें हमेशा जिंदा रहती हैं।

3. लिख दू तो लफ्ज़ तुम हो, सोच लू तो ख्याल तुम हो,
मांग लू तो मन्नत तुम हो, और चाह लू तो मोहब्बत भी तुम ही हो.

4. कैसी पहचान बनाई है तूने अपनी,
नाम तेरा आने पर भी लोग याद मुझे करते हैं..

5. मिलने को तो मिलते है दुनिया में कई चेहरे
पर तुम सी मोहब्बत हम खुद से भी न कर पाए!!!

6. सुना है की समन्दर को बहुत गुमान आया है,,.
उधर ही ले चलो कश्ती जिधर तूफ़ान आया है.!!!

7. मैंने तो देखा था बस एक नजर के खातिर....
क्या खबर थी की रग रग मे समां जाओगे तुम..!!

8. किसी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारा अपना कौन हैं ?
मैने हँसते हुए कहा जो किसी और के लिए मुझे नज़र अंदाज़ ना करे..

9. खूश्बु कैसे ना आये मेरी बातों से यारों, मैंने बरसों से एक ही फूल से जो मोहब्बत की है ।

10. देखते हैं अब किस की जान जायेगी;
उसने मेरी और मैंने उसकी कसम खाई है!

Shayari Part.75

1. वास्ता नही रखना .. तो फिर मुझपे .. नजर क्यूं रखती है …
मैं किस हाल में जिंदा हूँ … तू ये सब खबर क्यूं रखती है ….

2. वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला
लबों से,
दूर क्या हुए कलम ने क़हर मचा दिया..!!

3. ऐ मोहब्बत तुझे पाने की कोई राह नहीं,
शायद तू सिर्फ उसे ही मिलती है जिसे तेरी परवाह नही।

4. नादान बहोत हैं वोह, जैसे कुछ समझते
ही नहीं,
सीने से लगा कर पूछते हैं, घडकन क्यु तेज
है..!

5. वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज समझते रहे ;
नादां इतना भी नहीं समझते कि इश्क चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है !!

6. ख़ुद दिल में रह के आँख से पर्दा करे कोई
हाँ लुत्फ़ जब है पाके भी ढूँढा करे कोई
मुझ को ये आरज़ू वो उठायें नक़ाब ख़ुद,
उन को ये इन्तज़ार तक़ाज़ा करे कोई

7. एक तेरा ही नशा था जो शिकस्त दे गया मुझे...
वरना मयखाने भी तौबा करते थे मेरी मयकशी से....

8. दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता|

9. कोई केह दे उन्हें , अपनी ख़ास हिफाजत किया करे ,,
बेशक साँसे उनकी हे , पर जान तो मेरी हे ।

10. तुमसे किसने कह दिया कि मुहब्बत की बाजी हार गए हम?
अभी तो दाँव मे चलने के लिए मेरी जान बाकी है !

Shayari Part.74

1. उस खुशी का हिसाब कैसे हो...?
तुम जो पूछ लो "जनाब कैसे हो,.,!!

2. गुलाब के फूलों को होंठो से लगा कर एक अदा से वो बोली
कोई पास ना होता... तो तुम इसकी जगह होते...

3. मुझे आदत नहीं कहीं बहुत देर तक ठहरने की,,
लेकिन जब से तुम मिले हो ये दिल कही और ठहरता नही !!

4. मै हारा भी तुझसे तो  एक ही वजह थी  सुना था हारने वाले को  तुम गले लगाती हो....!!.

5. मैने जब खुद से कहा.
तू मेरी दुआ भी कभी कबूल कर दे.
उसने भी मुस्कुरा कर कह दिया.
तू एक ही शख्स को माँगना छोड़ दे....!!!

6. कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में,
कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो.

7. नसीहतें और दुआएं नहीं बदलतीं,
बस देने वाले लोग और तरीके बदल जाते हैं।

8. सब कहते हैं ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार प्यार करना चाहिए,
लेकिन तुमसे तो मुझे बार बार प्यार करने को दिल चाहता है।

9. मुझे आदत नहीं यूँ हर किसी पे मर मिटने की…!
पर तुझे देख कर दिल ने सोचने तक की मोहलत ना दी ।।

10. वो मेरे दिल पर सिर रखकर सोई थी बेखबर;
हमने धड़कन ही रोक ली कि कहीं उसकी नींद ना टूट जाए।

Shayari Part.73

1. होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज़ है,
इश्क़ कीजिए फिर समझिए जिंदगी क्या चीज़ है !!!

2. मुद्दतों बाद किसी ने पूछा कहा रहते हो...
हमने मुस्कुरा कर कहा अपनी औकात में!!!

3. क्या कशिश है तेरी आँखों में मत पूछ..
मेरी आँखें कुछ भी देखती नहीं तेरी आँखों के सिवा..

4. दिल के दरवाजों को हमेशा ही खुला रखता हुँ,
कहा है उन्होनें` "देर लगेगी पर आयेंगे जरूर"

5. बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को क्यूकि
इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता..!!

6. "जो दिल को अच्छा लगता है,
उसी को दोस्त कहता हूँ..
मुनाफ़ा देखकर रिश्तों की सियासत,
मैं नही करता..!!"

7. तुझे जींदगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए तुझे भुल भी नहीं पाया

8. दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,दोस्ती ही सुख दुख
की पहचान होती है,रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,क्योकी
दोस्ती जरा सी नादान होती है..

9. रिश्तों में दूरियां तो आती रहती हैं;
फिर भी दूरियां दिलों को मिला देती हैं;
वो रिश्ता ही क्या जिसमें नाराज़गी ना हो;
पर सच्ची दोस्ती दोस्तों को मना लेती है।

10. जीने की दुआ देकर वो ज़िन्दगी ले गया
कैसी थी ये दुआ की वो आकर मेरी हर ख़ुशी ले गया...

Shayari Part.72

1. आइना देख कुछ यूँ मुस्कुराया वो,
जैसे खुद का गम खुद से ही छुपाया हो,

2. "कुछ बातों के मतलब हैं, और कुछ मतलब की बातें...
जब से फर्क समझा, जिंदगी आसान हो गई!!"

3. वो ना ही मिलते तो अच्छा होता ,
बेकार में मोहब्बत से नफरत हो गई

4. क्या भरोसा है जिंदगी का इन्सान बुलबुला है पानी का जी रहे है कपडे बदल बदल कर
एक दिन एक कपडे में
ले जायेंगे कंधे बदल बदल कर  !!!

5. चमन के फूल भी तुमको गुलाब कहते है
एक हम ही नहीं सभी तुम्हे लाजवाब कहते है !!

6. दुनिया का सबसे अच्छा तोहफा ';वक्त'; है।
क्योंकी,
जब आप किसीको अपना वक्त देतें हैँ,
तोह आप उसे अपनी ';जिंदगी'; का वोह
पल देतें हैं,
जो कभी लौटकर नहीं आता....!

7. अजीब अदा है ए यार तेरे दिल की,
नजरें भी हम पर हैं, नाराजगी भी हम से है....!!

8. वो मुझसे पूछती है, ख्वाब किस-किस के देखते हो,.
बेखबर जानती ही नही, यादें उसकी सोने कहाँ देती है

9. कब तक आँख मैं कचरा चले जाने का बहाना बनाता रहूँ..
लो आज सरे आम कहता हूँ मैं तुझे याद करके रोता हूँ...

10. इरादे हमेशा हमारे साफ़ होते हैं। इसीलिए,
लोग अक्सर हमारे ख़िलाफ़ होते हैँ।

Shayari Part.71

1. ऐसा कोई गुनाह करना है......
जिसकी सजा सिर्फ तुम हो....!!

2. हम तुमसे दूर कैसे रह पाते,
दिल से तुमको कैसे भूल पाते,
काश तुम आईने में बसे होते,
ख़ुद को देखते तो तुम नज़र आते.

3. वजह होती.. तो मिटा देता...
बेवजह था इश्क़.. ना रह पाया...
ना समझा पाया...

4. न वो सपना देखो जो टूट जाये;
न वो हाथ थामो जो छूट जाये;
मत आने दो किसी को करीब इतना;
कि उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये।

5. अब आवाज़ आयीं तो तुझे निकालकर फेक दूंगा
ऐ दिल कहा ना सो जा. कोई नहीं है यहाँ तेरा..

6. तेरा ज़िक्र..तेरी फिक्र..तेरा एहसास...तेरा ख्याल..!!!
तू खुदा नहीं...फिर हर जगह मौज़ूद क्यूँ है.....!!!

7. इसे इत्तेफाक समझो या दर्दनाक हकीकत,
आँख जब भी नम हुई, वजह कोई अपना ही निकला...

8. अफ़सोस होता है उस पल... जब अपनी पसंद कोई और चुरा लेता है...
ख्वाब हम देखते हैं... और
हक़ीक़त कोई और बना लेता है..

9. वैसे दुश्मनी तो हम चिटी से भी नहीं करते 
लेकिन बीच में आया तो शेर को भी नहीं छोडते

10. "है जो तुझमे दम तो दे दे आज इन लबों पे हँसी "
"कल तो हम भी ढूँढ लेगे वजह मुस्कुराने की ...

बुधवार, 9 दिसंबर 2015

Shayari Part.70

1. ज़मीन ने मुझसे कहा रोक अपने आंसूओं को बहने से आशिक़,
इतना दर्द है इनमें के जहां जहां गिरे मुझे बंजर बना गए.

2. तुम दूर बहुत दूर हो मुझसे.. ये तो जानता हूँ मैं...
पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है ये बात तुम भी कभी न भूलना

3. इतना बुरा तो न था कि नज़रें न उठे
ऊँगली उठा के नज़रें फेर ली उसने।

4. तुम्हारे बगैर ये वक़्त ये दिन और ये रात.!!
गुजर तो जाते हैं मगर गुजारे नहीं जाते.!!

5. यही फर्क है तेरे मजहब और मेरे धर्म में ...
तेरे यहां चाँद देखकर कत्ल किये जाते है,
मेरे यहां चाँद देखकर लम्बी उम्र की
कामना की जाती है ...

6. न जाहिर हुई तुमसे, न बयान हुई हमसे।
बस
सुलझी हुई आँखो मेँ, उलझी रही मोहब्बत।।

7. पूछा था हाल उन्हॊने बड़ी मुद्दतों के बाद...!
कुछ गिर गया है आँख में. कह कर हम रो पड़े.!

8. मोहब्बत में जबरदस्ती अच्छी नहीं होती,
तुम्हारा जब भी दिल चाहे मेरे हो जाना..

9. तकलीफ ये नही की किस्मत ने मुझे धोखा दिया,
मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नही..

10. उन्हेँ याद तो हम भी आते होँगे...
वफाओ का जब कोई जिक्र करता होगा ।।

Shayari Part 19 (रचना)

1. खुशबू कि तरह आया वो तेज़ हवाओं में
मांगा था जिसे हमने दिन रात दुआओं में
तुम छत पे नहीं आये में घर से नहीं निकला
ये चाँद बहुत भटका सावन कि घटाओं में
इस शहर में एक लड़की बिलकुल है ग़ज़ल जैसी
बिजली सी घटाओं में खुशबू सी हवाओं में
मौसम का इशारा है खुश रहने दो बच्चों को
मासूम मोहब्बत है फूलों कि खताओं में
भगवान् ही भेजेंगे चावल से भरी थाली
मज़लूम परिंदों कि मासूम सभाओं में
दादा बड़े भोले थे सब से यही कहते थे
कुछ ज़हर भी होता है अंग्रेजी दवाओं में
2. आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समन्दर नहीं देखा
बेवक़्त अगर जाऊँगा, सब चौंक पड़ेंगे
इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा
जिस दिन से चला हूँ मेरी मंज़िल पे नज़र है
आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुमने मेरा काँटों-भरा बिस्तर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छूकर नहीं देखा
3. मै कब कहता हूँ वो अच्छा बहुत है
मगर उसने मुझे चाहा बहुत है
खुदा इस शहर को महफूज़ रखे
ये बच्चों की तरह हँसता बहुत है
मै तुझसे रोज़ मिलना चाहता हूँ
मगर इस राह में खतरा बहुत है
मेरा दिल बारिशों में फूल जैसा
ये बच्चा रात में रोता बहुत है
इसे आंसू का एक कतरा न समझो
कुँआ है और ये गहरा बहुत है
उसे शोहरत ने तनहा कर दिया है
समंदर है मगर प्यासा बहुत है
मै एक लम्हे में सदियाँ देखता हूँ
तुम्हारे साथ एक लम्हा बहुत है
मेरा हँसना ज़रूरी हो गया है
यहाँ हर शख्स संजीदा बहुत है
4. वो चांदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है
बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है
उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से
तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिये बनाया है
कहा से आई ये खुशबू ये घर की खुशबू है
इस अजनबी के अँधेरे में कौन आया है
महक रही है ज़मीं चांदनी के फूलों से
ख़ुदा किसी की मुहब्बत पे मुस्कुराया है
उसे किसी की मुहब्बत का ऐतबार नहीं
उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है
तमाम उम्र मेरा दम उसके धुएँ से घुटा
वो इक चराग़ था मैंने उसे बुझाया है
5. होठों पे मुहब्बत के फ़साने नहीं आते
साहिल पे समंदर के ख़ज़ाने नहीं आते।
पलके भी चमक उठती हैं सोते में हमारी
आंखों को अभी ख़्वाब छुपाने नहीं आते।
दिल उजडी हुई इक सराय की तरह है
अब लोग यहां रात बिताने नहीं आते।
इस शहर के बादल तेरी जुल्फ़ों की तरह है
ये आग लगाते है बुझाने नहीं आते।
क्या सोचकर आए हो मुहब्बत की गली में
जब नाज़ हसीनों के उठाने नहीं आते।
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।
6. तेरी हर बात मोहब्बत में...
तेरी हर बात मोहब्बत में गंवारा करके;
दिल के बाज़ार में बैठे हैँ ख़सारा करके;
एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे;
वो अलग हट गया आँधी को इशारा करके;
मुन्तज़िर हूँ कि सितारों की ज़रा आँख लगे;
चाँद को छत पे बुला लूँगा इशारा करके;
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूँद भंवर है जिसकी;
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।
7. आगे सफर था और पीछे हमसफर था..
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता, उस वक्त मैं कहाँ जाता...
मुद्दत का सफर भी था और बरसो का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....
यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की, मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.
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Shayari Part.68

1. चंद खुशियाँ ही बची थी, मेरे हाथो की लकीरो में......!!
वो भी तेरे आंसु पोछते हुए, मिट गई.....!!

2. मोका दीजिये अपने खून को किसी की रगों में बहने का...
ये लाजवाब तरीका है,,,बहुत जिस्मो में जिन्दा रहने का....

3. कभी फूलों की तरह मत जीना, जिस दिन खिलोगे…,, टूट कर बिखर जाओगे ।
जीना है तो पत्थर की तरह जियो; जिस दिन तराशे गए… “खुदा” बन जाओगे ।।

4. क्यूँ करते हो मुझसे इतनी ख़ामोश मुहब्बत...
लोग समझते है इस बदनसीब का कोई नहीँ....

5. टूटने क़े बाद भी उनके लिए ही धडकता है...
लगता है मेरे दिल का दिमाग खराब हो गया है..

6. ये ज़ुल्फों को चेहरे पर लाने का अंदाज़  , अच्छा है, जनाब  ,
हुस्न किश्तों में दिखे तो  , दिल एक साथ खर्च नहीं होता..!!!

7. अकेला वारिस हूँ उसकी तमाम नफरतों का,
जो शख्स सारे शहर में प्यार बाटंता है…

8. चुपके से गुजार देंगे जिंदगी नाम तेरे,
लोगों को फिर बताएंगे प्यार ऐसे भी होता है…

9. तू बेशक अपनी महफ़िल में मुझे बदनाम करती हैं…
लेकिन तुझे अंदाज़ा भी नहीं कि वो लोग भी मेरे पैर छुते है
जिन्हें तू भरी महफ़िल में सलाम करती है

10. तुम दूर बहुत दूर हो मुझसे.. ये तो जानता हूँ मैं...
पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है ये बात तुम भी कभी न भूलना

मंगलवार, 8 दिसंबर 2015

Shayari Part.67

1. ये मेरा अकेलापन ही मुझे नसीहत देता है जीने की, जिसको सहारे की जरुरत होती है, वो कभी अपने पैरो पर खड़ा नहीं होता।

2. तुम बात नहीं करोगी तो मै मर नहीं जाऊँगा
पर तेरे बगैर मेरा जीना मरने के जैसा ही है

3. तुझे पाने की ख्वाहिश नहीं है मुझे
पर तेरे साथ वक़्त बिताना अच्छा लगता है.

4. हमें रोता देखकर वो ये कह के चल दिए कि,
रोता तो हर कोई है क्या हम सब के हो जाएँ…

5. तुम्हारी नफरत पर भी लूटा दी ज़िन्दगी हमने,
सोचो अगर तुम मोहब्बत करते तो हम क्या करते..

6. मै ख्वाहिशो का कैदी हूँ
और हकीकतें मेरी सजा हैं...

7. इन निगाहोंकी तलाश तुम ही हो....सुनो..... 
मिल जाओ.. फ़िर से..
कहीं अजनबी बनकर.....

8. हम तुम्हे हर पल याद करते है....
मगर बार - बार भी तो ये कहना अच्छा
नही लगता....

9. शायरी करना भी तो एक नेकी का काम है .. !!
कितने बिछड़े हुए लफ़्जो को मिला देता हूँ .....

10. फिर उसकी याद, फिर उसकी तलब, फिर उसकी बातें..
ऐ दिल तेरा क्या करूं, तू सुकून लेने क्यूं नहीं देता..

रविवार, 6 दिसंबर 2015

Shayari Part.66

1. शुक्र करो कि दर्द सहते हैं, लिखते नहीं
वर्ना कागजों पे लफ्जों के जनाजे उठते....

2. बहुत अंदर तक जला देती है....!
वो शिकायतें जो बयाँ नही होती...!!

3. हम तो लिख देते हैं जो भी ज़हन में आता है,
दिल को छू जाए तो इत्तफाक ही समझिए......!!

4. मेरी आँखों में आँसू नहीं बस कुछ "नमी" है?
वजह तू नहीं तेरी ये "कमी" है...

5. आज कुछ नही है मेरे शब्दों के गुलदस्ते में ,
कभी-कभी मेरी ख़ामोशियाँ भी पढ़ लिया करो..

6. जिनके दिल अच्छे होते है।
किश्मत हमेशा उन्ही की ख़राब होती है ।।

7. लिखना है मुझे भी कुछ गहरा सा जिसे कोई भी पढें समझ बस तुम सको

8. है थोड़ी दूर अभी सपनो का नगर अपना ..
मुसाफिरो अभी बाक़ी है कुछ सफर अपना

9. लोग आज भी तेरे बारे में पूछतें हैं, कहा है वो,
मैं बस दिल पर हाथ रख देता हू..

10. खुद में झाँकने के लिए जिगर चाहिये
दुसरे की शनाख्त में तो हर शख्स माहिर है

शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015

Shayari Part.65

1. होता अगर मुमकिन, तुझे साँस बना कर रखते सीने में,
तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊँ तो तू नही..

2. कुछ इस तरह वो मेरी बातों का ज़िक्र किया करती है....
सुना है वो आज भी मेरी फिक्र किया
करती है....!!

3. मुहब्बत के काफ़िले कुछ देर तो रोक लो
हम भी आते है अभी पाँव से कांटे निकाल कर

4. मुझे बस इतना बता दो.
इंतजार करु या बदल जाऊ तुम्हारी तरह..

5. बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने मे...
कि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने मे...

6. प्यार हर इंसान को आजमाता है,..
किसी से रूठ जाता है तो किसी पे मुस्कुराता है,....

7. दिल ने कहा तुम आज भी मेरे अपने हो....
फर्क बस इतना है कि अब मनाने नही आता..

8. बात इतनी सी थी ,कि तुम अच्छे लगते थे.
अब बात इतनी बढ़ गई, कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता.

9. तू रूठा रूठा सा लगता है कोई तरकीब बता मनाने की
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा तू क़ीमत बता मुस्कुराने की….

10. सिर्फ एक बार चूमा था,
पगली के होठों को...
लोगो ने बस्ती से निकाल दिया,
शराब पीने के इल्ज़ाम में...!!

Shayari Part.64

1. झुक के बात करने की आदत बना ले ,
काफी फायेदे में रहोगे , क्युकी ….
आज भी आँखे मिला कर बात करने की
तेरी औकात नही हे ।।

2. सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा ,जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है.

3. हमारे मनाने की अदा इतनी हसीं होगी की तुम उम्र भर रूठे रहने को कोशिश करोगी.

4. मुझे ढुंढने की कोशिशे अब मत किया कर,
तुने रास्ता बदला तो हमने मंजिल।.

5. सारी शिकायतो का हिसाब जोड़ कर रखा था उसने मुस्कुराकर सारा गणित बिगाड़ दिया!

6. तुम खुद उलझ जाओगे मुझे गम देने की चाहत में,
मुझमें हौसला बहूत है मुस्कुराकर निकल जाऊगा.

7. मत करना नजर-अंदाज “माँ-बाप” की तकलीफों को…
जब ये बिछड़ जाते हैं तो रेशम के तकियों पर भी नींद नही आती।

8. अपनी औकात मे रहे ए वक्त,
याद रख;
तेरे साथ-साथ ”मै” भी बदलूंगा!

9. एक ख्वाहिश पूरी हो, इबादत के बगैर...
वो आकर लिपटे मुझसे, मेरी इजाजत के बगैर....

10. उसके हाथ की गीरफ्त ढीली पड़ी तो महसूस हुआ
यही वो जगह है जहाँ रास्ता बदलना है!

Shayari Part.63

1. कभी आवाज में कशिश थी कभी नजरो में नशा था,
फिर जो तेरा असर होने लगा होश मै खोने लगा

2. हमसे भुलाया नही जाता एक “मुख्लिस” का प्यार,
लोग जिगर वाले है जो रोज़ नया महबूब बना लेते है…

3. अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को,
समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी है…

4. जाने क्या बात हुई कुछ दूरियों का सा गुमान है,
मेरे महबूब तेरी हर अदा तेरे मौसम का पता देती है

5. फिर से तेरी यादें मेरे दिल के दरवाजे पे खड़ी हैं,
वही मौसम, वही सर्दी, वही दिलकश ‘दिसंबर’ है…

6. इतना भी हमसे नाराज़ मत हुआ करो,
बदकिस्मत ज़रूर हैं हम मगर बेवफा नहीं।

7. आँख खुली तो जाग उठी हसरतें तमाम,
उसको भी खो दिया जिसको पाया था ख्वाव में।

8.  गुज़र गया आज का दिन भी पहले की तरह,
न हमको फुर्सत मिली न उन्हें ख्याल आया…

9. कुछ मुहब्बत का नशा था पहले हमको फ़राज़
दिल जो टुटा तो नशे से मुहब्बत हो गई

10. इतना आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाता हूँ;
शायद तुमने ही पन्ने छोड़-छोड़ कर पढ़ा होगा मुझे....

Shayari Part.62

1. लाखो की हंसी तुम्हारे नाम कर देंगे,
हर खुशी तुम पे कुर्बान कर देंगे..
आये अगर हमारे प्यार मे कोई कमी तो कह देना,
इस जिन्दगी को आखरी सलाम कह देंगे..

2. दिल मे बने रहना ही सच्ची शोहरत है ,,
वरना मशहूर तो कत्ल करके भी हुआ जा सकता है..!!

3. मेरी रूह गुलाम हो गई है, तेरे इश्क़ में शायद,
वरना यूँ छटपटाना, मेरी आदत तो ना थी.......॥

4. अमीर-ए-शहर की हमदर्दियों से बच के रहो,
ये सर से बोझ नहीं, सर उतार लेता है !

5. दिल में एक दर्द सा उठने लगता है
जब तू मुझे दूर सा लगने लगता है

6. मेरे बस मे नहीं अब हाल-ए-दिल बयां करना,
बस ये समझ लो, लफ़्ज़ कम मोहब्बत ज्यादा हैं !!

7. अपनी नाराज़गी कि कोई वजह तो बताई होती,
हम ज़माने को छोड़ देते एक तुझे मनाने के लिए…

8. मोहब्बत के हवाले से बहुत जालिम हो तुम…
तोड़ देते हो मुझें अपने वादें की तरह…

9. कोशिश बहुत की राज़-ए-मुहब्बत बयाँ न हो,
मुमकिन कहाँ था की आग लगे और धुँआ न हो…

10. सीख रहा हूँ धीरे धीरे तेरे शहर के रिवाज,
जिससे मतलब निकल जाए उसे जिंदगी से निकाल देना…