शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

Shayari part 92

1. तुझे तो प्यार कभी था ही नही ऐ बेवफा,
तूने तो अपनी तन्हायी दुर करने के लिये हमे तन्हा कर दिया..!!

2. एक चाहत.....तेरे साथ जीने की....
वरना मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी !!

3. नाराज़ नहीं हूँ,  तेरे जाने  से....!!
ग़म ये है कि, तेरा यकीन अब कैसे करूँ....!!

4. ख्वाब आँखों से गए और नींद रातों से गयी..!!
वो जिंदगी से गए और जिंदगी हाथों से गयी..!!

5. जो जले थे हमारे लीये, बुज रहे है वो सारे दीये़..!!
कुछ अंधेरो की थी साजीशें. कुछ उजालों ने धोखे दिये..!!!

6. मंजिले बहुत हैं, अफ़साने बहुत हैं, राहे जिंदगी में इम्तिहान बहुत हैं...!
मत करो गिला उसका जो मिला नहीं, इस दुनियाँ में "खुश" रहने के बहाने बहुत हैं...!!

7. प्लम्बर कितना भी एक्सपर्ट क्यूँ न हो...? पर. वो आँखों से बहता...
पानी बंद नहीं कर सकता. उनके लिये तो दोस्त ही चाहिये...

8. सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा
एहसास की एहमियत होती है।

9. सो गई हैं शहर की सारी गलिया..
अब रात भर जागने की बारी मेरी है!

10. कदर करनी है. तो ज़िंदगी मैं ही करना
कफ़न औढाते वक़्त तो नफ़रत करने वाले भी रो पड़ते हैं