शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

Shayari part 91

1. चलते चलते मेरे कदम. बस यही सोचते हैं...
की मैं किस तरफ जाऊं जो मुझे तू मिल जाए..

2. मरने का मज़ा तो तब है,
जब कातिल भी जनाजे पे आकर रोय

3. वक्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त…
मजा तो तब है जब वक्त बदल जाये पर यार ना बदले..

4. मुझें छोड़कर वो खुश हैं तो शिकायत कैसी, अब मैं उन्हें खुश भी न देखूं तो मोहब्बत कैसी..

5. हम तो सोचते थे कि लफ्ज ही चोट करते है.
पर कुछ खामोशियो के जख्म तो और भी गहरे निकले...

6. तुमने समझा ही नही और ना समझना चाहा;
हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा”...

7. लिफाफे में बंद कर लो अपनी तमाम जिंदगी....
खुली किताबो के अक्सर पन्नें उड़ जाया करते है 

8. अब तेरी आँखों में आँसू क्यों पगली ,
जब छोड़ ही दिया तो भुला भी दिया होता ..

9. धडकनो को भी रास्ता दे दीजिये, जनाब...
आप तो सारे दिल पर कब्जा किये बैठे है.....

10. आज पगली बरसो बाद मिली तो गले लगकर खूब रोइ.
जानते हो ये वही थी जिसने कहा था तेरे जैसे हजारो मिलेंगे.