सोमवार, 25 अप्रैल 2016

Shayari part 98

1. जुदाई कि खबर होती अगर तेरे दिदार से पहले,
खुदा से मौत माँगता मै तेरे प्यार से पहेले....

2. मेरे प्यारे दोस्तों इश्क वो इबादत हे जो दो लफ्जों से नही,
बस आँखों से ही ब्यान हो जाती है..

3. कहानी बस इतनी सी थी तेरी मेरी मोहब्बत की......
मौसम की तरह तुम बदल गई और फसल की तरह मै बरबाद हो गया

4. सच कहूँ तो तुझे कभी प्यार था ही नही...
तूने तो अपनी खामोशी दुर करने के लिये
हमे खामोश कर दिया...

5. अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का,
सब को मंजिल का शौक है और मुझे रास्तों का..

6. "समुद्र बड़ा होकर भी, अपनी हद में रहता है,
जबकि इन्सान छोटा होकर भी अपनी हद भूल जाता है.!!!

7. निशानी क्या बताऊ तुझे अपने घर की.....
जहाँ दीवारे उदास लगे वहीँ चले आना.....

8. महोब्ब्त दिल में कुछ ऐसी होनी चाहिये. की
हासिल भले दुसरे को हो पर कमी उसको ज़िन्दगी भर अपनी होनी चाहिये...

9. चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह…!!!
मगर ख़ामोश रहता हूँ, अपनी तक़दीर की तरह…!!

10. ज़नाजा रोककर मेरा वो इस अंदाज मे बोले
मैने तो गली कही थी ,तुम तो दुनिया ही छोड चले...