शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

Shayari part 95

1. अब तो किस्मत भी साथ नही दे रही है मेरी……
सच कहूँ तो बिल्कुल तुम्हारी, तरह

2. मैं अपनी मोहब्बत का शिकवा, तुमसे कैसे करू...,
मोहब्बत तो मैने की है..., तुम तो बेकसूर हो..!!

3. तेरे ना होने से जिंदगी में बस इतनी सी कमी रहती है ,
मैं चाहे लाख मुस्कुराऊ, इन आँखों में नमी ही रहती हैं ...!

4. फिर वही दिल की गुज़ारिश, फिर वही उनका गुरूर;
फिर वही उनकी शरारत, फिर वही मेरा कसूर

5. तू बेवफा है तो एक बुरी खबर सून ले,
हमारा इंतझार कोई दूसरा भी करता है...

6. उसके जीवन का हर फैसला मेरे लिए अनमोल था
क्योकी उसने हर फेसले में सिर्फ एक ही लफ्ज कहा "जेसा तुम कहो"

7. कुछ और कश लगा ले ऐ ज़िन्दगी !
बुझ जाऊंगी किसी रोज़ सुलगते सुलगते !!

8. तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है, जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा, दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।

9. हद से बढ़ गया है तेरा नज़र अंदाज करना..
ऐसा सुलूक न करो कि हम भूलने पे मजबूर हो जाये..!!

10. जिंदगी भर "सुख" कमाकर दरवाजे से घर में लाने की कोशिश करते रहे।
पता ही ना चला कि कब खिड़कियों से "उम्र" निकल गई।।