सोमवार, 19 अक्तूबर 2015

Shayari Part-24

1- बहुत उदास है कोई तेरे जाने से,
हो सके तो लौट आ किसी बहाने से...!!

2- तुम याद आओगे यकीन था...........
इतना आओगे अंदाजा न था.....

3- सब्र रखो जल्द ही महसूस होगा तुम्हें,
मेरा होना क्या था मेरा न होना क्या है!

4- चाँद ने खूब सहा है सूरज की अगन
तेरी ये आग मुझसे न सही जाती है

5- वफादार और तुम...?? ख्याल अच्छा है.
बेवफा और हम...?? इल्जाम भी अच्छा है.

6- ठान लिया था कि, अब और शायरी नहीं लिखेंगे....
पर उनका पल्लू गिरा देखा और अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे...!!

7- तमन्ना तेरे जिस्म की होती तो छीन लेते दुनिया से,;
इश्क तेरी रूह से है इसलिए, खुदा से मांगते हैं तुझे

8- शीशे में डूब कर, पीते रहे उस जाम को,
कोशिशें की बहुत, मगर भुला न पाए एक नाम
को..!!

9- तुम गऐ, तो मेरी आँख मे कुछ चला सा गया ये ना कहता तो क्या रो देता सामने सबके

10- बस यही सोच कर हर मुश्किलों से लड़ता आया हूँ...!
धूप कितनी भी तेज़ हो समन्दर नहीं सूखा करते...।।

11- उसकी जित से होती है, खुशी मुझे...
यही जवाब मेरे पास, अपनी हार का है... ||

12- कौन कहता है की दिल.. सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है,
तेरी ख़ामोशी भी कभी कभी.. आँखें नम कर देती है.

13- नेक बनने के लिए ऐसी कोशिश करो
जैसी
कोशिश खूबसूरत दिखने के लिए करते हो......

14- खूश्बु कैसे ना आये मेरी बातों से यारों,
मैंने बरसों से एक ही फूल से जो मोहब्बत की है

15- आँखो से नूर देती है माँ ।
अपने जीवन से जीवन देती है माँ ।।
भगवान क्या माँ को पुजो ,
क्योकि भगवान को जन्म देती है माँ ।।

16- वक़्त से लड़कर जो नसीब बदल दे;
इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे;
कल होगा क्या, कभी ना यह सोचो;
क्या पता कल खुद वक़्त अपनी तस्वीर बदल दे।.

17- मैं तेरे नसीब की बारिस नहीं जो तुज पे बरस जाऊ।।
तुझे तक़दीर बदलनि होगी मुझे पाने के लिए ।