शनिवार, 10 अक्तूबर 2015

Shayari Part.20

1 ना छेड किस्सा -ए -उल्फत , बडी लम्बी
कहानी है ,
मैं ज़माने से नहीं हारा , किसी की बात
मानी है ,,,,,, ।।

2 “ शाम खाली है जाम खाली है, ज़िन्दगी यूँ
गुज़रने वाली है,
सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,मैने तन्हाई
मगर बचा ली है ”

3 आग सूरज मैँ होती हैँ जलना जमीन को पडता
हैँ,
मोहब्बत निगाहेँ करती हैँ तडपना दिल को
पडता हैँ.

4 शायरी इक शरारत भरी शाम है ,
हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है ,
जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा
मयक़दा तो बिना बात बदनाम है ….

5. कभी रो के मुस्कुराए , कभी मुस्कुरा के रोए ,
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए ,
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा
के रोए ..

6. सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई ,
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई ,
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों
से ,
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई .

7. देख के हमको वो सर झुकाते हैं ,
बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं,
नफरत हैं तो कह देते हमसे,
गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं ..

8  तरक्की की फसल , हम भी काट लेते ..!
थोड़े से तलवे, अगर हम भी चाट लेते ..!!

9. किसी साहिल पे जाऊं एक ही आवाज़ आती
है
तुझे रुकना जहाँ है वो किनारा और है कोई !

10  नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से।
मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले।