मंगलवार, 20 अक्तूबर 2015

Shayari Part.26

1- जब से पता चला है , की मरने का नाम है ‘ जींदगी ’;
तब से , कफ़न बांधे कातील को ढूढ़ते हैं !”

2- तू मेरे जनाज़े को कन्धा मत देना ,
कही ज़िन्दा ना हो जाऊँ
फिर तेरा सहारा देख कर..

3- भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है
लेकिन काम आसान भी हमसे कहाँ होते हैं!

4- जो भी आता है एक नयी चोट दे के चला जाता है
ए दोस्त ,…. मै मज़बूत बहोत हु लेकिन कोई पत्थर तो नहीं

5- नाकाम मोहब्बतें भी बड़े काम की होती हैं
दिल मिले ना मिले नाम मिल जाता है..!

6- जो तुम बोलो बिखर जाऐंगे,
जो तुम चाहो संवर जाऐंगे,
मगर ये टूटना-जुड़ना
हमें तकलीफ बहुत देता है....

7- तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था खबर तो रहती …. सफर तय कितना करना है

8- कितनी झुठी होती है , मोहब्बत की कस्मेँ…. ।” देखो तुम भी जिन्दा हो , मैँ भी जिन्दा हूँ...

9- मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना …
मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे …

10- याद आयेगी हमारी तो बीते कल को पलट लेना .. यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..