शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

Shayari part 9

चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं ,
मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते है ,
बच के रहना इन हुसन वालों से यारो,
इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं
=-=-=-=-=
मुझे नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से
लेनी पड़ती है ,
जो खुद तो सो जाता है, मुझे करवटों में छोड़
कर !
=-=-=-=-=
लाख हों हम में प्यार की बातें
ये लड़ाई हमेशा चलती है.
उसके इक दोस्त से मैं जलता हूँ
मेरी इक दोस्त से वो जलती है
=-=-=-=-=
मैँ कैसा हूँ ’ ये कोई नहीँ जानता ,
मै कैसा नहीँ हूँ ’
ये तो शहर का हर शख्स बता सकता है…
=-=-=-=-=
ज़िन्दगी में इक मुकाम आया तो था
भूले से सही तेरा सलाम आया तो था
न जानें तुझे खबर है , है की नहीं
मेरे अफ़साने में तेरा नाम आया तो था
=_=_=_=_=_=_=
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा ,
हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा ,
आप तो डर गये मेरी एक ही कसम से ,
आपकी कसम देकर हमें तो हज़ारों ने लूटा….
=-=-=-=-=
नीम का पेड़ था बरसात थी और झूला था
गाँव में गुज़रा ज़माना भी ग़ज़ल जैसा था
=-=-=-=-=
दुनिया तेरी रौनक़ से मैं अब ऊब रहा हूँ
तू चाँद मुझे कहती थी मैं डूब रहा हूँ
=-=-=-=-=
चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं ,
मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते है ,
बच के रहना इन हुसन वालों से यारो,
इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं
=-=-=-=-=
मुझे नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से
लेनी पड़ती है ,
जो खुद तो सो जाता है, मुझे करवटों में छोड़
कर !
=_=_=_=_=_=_=_=
तेरे ही अक्स को तेरा दुश्मन बना दिया
आईने ने मज़ाक़ में सौतन बना दिया….
=-=-=-=-=
कम नहीं मेरी जिंदगी के लिए , चैन मिल जाये
दो घडी के लिए ,
ऐ दिलदार कौन है तेरा क्यों तड़पता है यू
किसी के लिए .
=-=-=-=-=
उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं
सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता ,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल
जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता
=-=-=-=-=
सच्चाई को अपनाना आसान नहीं
दुनिया भर से झगड़ा करना पड़ता है
जब सारे के सारे ही बेपर्दा हों
ऐसे में खु़द पर्दा करना पड़ता है
=-=-=-=-=
किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला ,
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला ,
करके इश्क़ कोई ना बच सका ,
जो बच गया उसे तन्हाई ने मार डाला