शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

Shayari part 6

गुज़र जायेगी ज़िन्दगी उसके बगैर भी ,
वो हसरत - ए - ज़िन्दगी है …. शर्त - ए - ज़िन्दगी
तो नहीं ……!!
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याददाश्त की दवा बताने में सारी दुनिया
लगी है !!!…
तुमसे बन सके तो तुम हमें भूलने की दवा बता दो
…!!!
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कुछ तो शराफ़त सीख ले , ए इश्क़ , शराब से ..;
बोतल पे लिखा तो है , मैं जान लेवा हूँ ..!!
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“उनसे क़ह दे कोई जाकर कि हमारी सजा कुछ
कम कर दे,
हम पैशे से मुजरिम नहीं हैं बस गलती से इश्क हुआ
है। …”
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चिराग कोई जलाओ की हो वजूद का
एहसास,
इन अँधेरों में मेरा साया भी छोड़ गया मुझको
!!!
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ना छेड किस्सा -ए -उल्फत , बडी लम्बी
कहानी है ,
मैं ज़माने से नहीं हारा , किसी की बात
मानी है ,,,,,, ।।
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“ शाम खाली है जाम खाली है, ज़िन्दगी यूँ
गुज़रने वाली है,
सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,मैने तन्हाई
मगर बचा ली है ”
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आग सूरज मैँ होती हैँ जलना जमीन को पडता
हैँ,
मोहब्बत निगाहेँ करती हैँ तडपना दिल को
पडता हैँ.
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शायरी इक शरारत भरी शाम है ,
हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है ,
जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा
मयक़दा तो बिना बात बदनाम है ….
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कभी रो के मुस्कुराए , कभी मुस्कुरा के रोए ,
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए ,
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार
लिखा,
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा
के रोए ..
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सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई ,
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई ,
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों
से ,
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई .
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देख के हमको वो सर झुकाते हैं ,
बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं,
नफरत हैं तो कह देते हमसे,
गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं ..
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तरक्की की फसल , हम भी काट लेते ..!
थोड़े से तलवे, अगर हम भी चाट लेते ..!!
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किसी साहिल पे जाऊं एक ही आवाज़ आती
है
तुझे रुकना जहाँ है वो किनारा और है कोई !
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नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से।
मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले।