शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

Shayari part 5

तुम से बिछड के फर्क बस इतना हुआ ..
तेरा गया कुछ नहीँ और मेरा रहा कुछ नहीँ ..
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वो जो कहता था तुम न मिले तो मर जाएंगे
हम…
वो आज भी जिन्दा है , ये बात किसी और से
कहने के लिए …
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सुना हे , वोह जब मायुश होते हे , हमे बहोत याद
करते हे
अये खुदा , अब तुहि बता, उसकी खुशी की दुआ
करु या मायुशि कि !!!
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जिंदगी जब किसी दो राह पर आती हैं
एक अजीब सी कशमकश में पड जाती हैं
चुनते हैं हम किसी एक राह को
पर दुसरी राह जिंदगी भर याद आती हैं
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युं खामखा न करो रंगों को मुजपे बरबाद
दोस्तो …
हम तो पहले से ही रंगे हुऐ है इश्कमें…..
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थक सा गया हूँ , खुद को सही साबित करते
करते ,
खुदा गलत हो सकता है , मगर मेरी मुहब्बत नहीं
………..
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खूबियाँ इतनी तो नही हम मे , कि तुम्हे कभी
याद आएँगे ,
पर इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर, आप हमे
कभी भूल नही पाएँगे..
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हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है ,
वरना किसी के मन में खौंफ पेदा करने के लिए
तो बस नाम ही काफी हे .
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आंखे भी संभाल कर बंद करना ऐ दोस्तो ,
पलको के बीच भी, सपने तुट जाया करते है …!
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हमें अंधेरों ने इस कदर घेरा कि
उजालों की पहचान ही खो गयी,
तक़दीर ने हमें इस कदर मारा कि
अपनों की पहचान ही खो गयी,
कोशिशों का हमनें कभी दामन न छोड़ा
पर लगता है हमारी किस्मत ही सो गयी ..
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कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का …
कमबख्त ये दिल भी उसी का वकील निकला
…!!