शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

Shayari Part.40

1. माना के किस्मत पे मेरा कोई ज़ोर नही…
पर ये सच है के मोहब्बत मेरी कमज़ोर नही,
उस के दिल मे, उसकी यादो मे कोई और है लेकिन,
मेरी हर साँस में उसके सिवा कोई और नही..

2. मोहब्बत का नतीजा, दुनिया में हमने बुरा देखा,
जिन्हे दावा था वफ़ा का, उन्हें भी हमने बेवफा देखा.

3. तुम आये तो लगा हर खुशी आ गई
यू लगा जैसे ज़िन्दगी आ गई
था जिस घड़ी का मुझे कब से इंतज़ार
अचानक वो मेरे करीब आ गई …………

4. ज़िन्दगी हसीन है , ज़िन्दगी से प्यार करो…..
हो रात तो सुबह का इंतज़ार करो…..
वो पल भी आएगा, जिस पल का इंतज़ार हैं आपको….
बस रब पर भरोसा और वक़्त पे ऐतबार करो....

5. कली बेंच देगें चमन बेंच देगें,
धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें,
कलम के पुजारी अगर सो गये तो…
ये धन के पुजारी वतन बेंच देगें।

6. अपनी तक़दीर में तो कुछ ऐसा ही सिलसिला लिखा है,
किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया,
तो किसी ने अपना बना कर वक़्त गुज़ार लिया……..

7. रहें दुरियाँ... तो क्या हुआ..
याद नज़रों से नहीं, दिल से किया जाता है...

8. मेरी गलतियां मुझसे कहो
दूसरो से नहीं...
कियोंकि सुधार ना मुझे है उनको नहीं

9. ये नादानी भी,
सच मे बेमिसाल है...!
अंधेरा दिल मे है,
और दिये मन्दिरों मे जलाते हैं.!

10. किसी ने धूल क्या झोकी आखों मे ...
कम्बख़्त पहले से बेहतर दिखने लगा ।