शुक्रवार, 13 नवंबर 2015

Shayari Part.32

1. ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो, दर्द की शिद्दत,
दर्द तो दर्द होता हैं, थोड़ा क्या, ज्यादा
क्या !!

2. कभी फुर्सत मिले तो सोचना,
एक लापरवाह लडके को तेरी इतनी
परवाह क्यूँ है...!!!

3. तेरी तो फितरत थी सबसे मुहब्बत
करने की,,
हम तो बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे…

4. दिल मे बने रहना ही सच्ची शोहरत है, . . . .
वरना मशहूर तो कत्ल करके भी हुआ जा सकता है.!!

5. बहुत बहुत रोएगी जिस दिन मै याद आऊँगा,
और बोलेगी
एक पागल था जो पागल था सिर्फ मेरे लिये।

6. अगर किस्मत आज़माते-आज़माते थक गये हों…
तो कभी ख़ुद को आज़माईये,
नतीजे बेहतर होंगें…!!!

7. तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ
कुछ कहते हुए भी डरता हूँ
कहीं भूल से तू ना समझ बैठे की
मैं तुझसे मोहब्बत करता हूँ

8. शायरो की महफ़िल में बात चली
एक दीवाने की
दिन रात जलने वाले एक परवाने की,
मैंने सोचा कौन होगा ये सिरफिरा,
देखा तो ऊँगली मेरी तरफ
थी सारे ज़माने की.....

9. खुद को बीखरने मतदेना कभी
कीसी हाल मे
क्योंकि, लोग गीरे हुये मकान की ईँटे
तक ले जाते है

10. कुछ अलग करना है तो
जरा भीड़ से हटकर चलो..
भीड़ साहस तो देती है,
लेकिन पहचान छीन लेती है....