मंगलवार, 10 नवंबर 2015

Shayari Part.29

1. मैने कभी किसी को अपने दिल से दूर नही किया
बस जिनका दिल भर गया वो मुझसे दुर हो गये.....

2. नियाजे आशिकी को
नाज के काबिल समझते है
हम अपने दिल को
अब आप ही का दिल समझते है.

3. मैं तो मिट्टी पे लिखा हुआ नाम हूँ,
बारिशों से बचा लो तो कुछ बात हो।
ना सही मैं तेरे ख़्वाब का हमसफ़र,
काम मुझसे चला लो तो कुछ बात हो।.

4. आरज़ू ऐ दिल में
मस्ती सी छाई है
दूर बहोत दूर कही याद में
जरुर वो मुस्कुराई है.

5. कोई  माल में खुश है कोई सिर्फ  दाल में खुश है
खुशनसीब है वो लोग.. जो हर हाल में  खुश है..!!

6. सोच रहा हूँ ख़त लिखने की,
लेकिन क्या पैग़ाम लिखूँ..
तुझ बिन काटी रात लिखूँ..
या साथ गुज़ारी शाम लिखूँ...

7. कभी ना कभी वो मेरे बारे में
सोचेगी जरूर,
कि हासिल होने की उम्मीद ना
थी फिर भी मोहब्बत करता था…

8. आदत उनकी कुछ इस तरह हो गई,
उनकी बेरुखी से भी मोहब्बत हो गई…

9. तुमने समझा ही नहीं…और ना समझना
चाहा,
हम चाहते ही क्या थे तुमसे… “तुम्हारे सिवा”.

10. हम तुम्हें मुफ़्त में जो मिले हैं,
क़दर ना करना हक़ है तुम्हारा..