गुरुवार, 19 नवंबर 2015

Shayari Part.37

1. मुझको रुलाकर , दिल उसका भी रोया तो होगा
चेहरा आसुओ से उसने भी धोया तो होगा
अगर न किया हासिल हमने प्यार मे
कुछ न कुछ उसने भी खोया तो होगा ।

2. पूछा जो हमने किसी और के होने लगे हो क्या ?
वो मुस्कुरा के बोले … पहले तुम्हारे थे क्या .?

3. कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं,
लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं,
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर,
की पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं …!!!

4. बेखबर हो गए है कुछ दोस्त हमसे,
जो हमारी ज़रूरत को महसूस नहीं करते.
कभी बहुत बातें किया करते थे हमसे,
अब खेरियत तक नहीं पूछते …!!!

5. तेरी मोहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए वरना,
हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं करते …

6. सुनकर ज़माने की बातें, तू अपनी अदा मत बदल,
यकीं रख अपने खुदा पर, यूँ बार बार खुदा मत बदल ……!!

7. ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों में आने की आदत छोड़ दो तुम,
कसूर तुम्हारा होता है और लोग मुझे आवारा समझते हैं..!!

8. इश्क वाले आँखों की बात समझ लेते हैं ,
सपनो में मिल जाये तो मुलाक़ात समझ लेते हैं.
रोता तो असमान भी हैं अपने प्यार के लिए ,
पर लोग उसे बरसात समझ लेते हैं ...!

9. क्या फर्क है दोस्ती और मोहोब्बत में,
रहते तो दोनों दिल में ही है… ?
लेकिन फर्क तो है…..
बरसो बाद मिलने पर दोस्ती सीने से लगा लेती है,
और मोहोब्बत नज़र चुरा लेती है…!!

10. टूट कर भी कम्बख्त धड़कता रहता है ,
मैने इस दुनिया मैं दिल सा कोई वफादार नहीं देखा।