शुक्रवार, 13 नवंबर 2015

Shayari Part.30

1. मेरे खुदा मुझे थोड़ी सी
जिंदगी दे दे,
उदास मेरे जनाजे से जा रहा है कोई.

2. भूलने वाले को शायद याद वादा आ गया,
मुझको देखा मुस्कुराया खुद ब खुद शरमा गया.

3. ये जो हर मोड़ पे आ मिलती है मुझसे
ये बदनसीबी मेरी दीवानी तो नही ?

4. कुछ लोग मेरी शायरी से सीते
हैं अपने जख्म,
कुछ लोगों को मैं चुभता हूँ सुई की
नोक के जैसे ।

5. मुझसे ‘नफरत’ तभी करना
जब आप मेरे बारे मे ‘सबकुछ’ जानते हो
तब नहीं जब किसी से ‘कुछ’ सुना हो।

6. हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी..
ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत
ही हुई है !

7. तुम तो शान से निकले थे, ले हाथ में मेरा हाथ
डर कर दुनिया वालों से क्यूँ छोड़ दिया है साथ

8. आँधियों में भी जो जलता हुआ मिल जाएगा..
उस दिये से पूछना, मेरा पता मिल जाएगा..

9. बैठे थे अपनी मस्ती में कि अचानक
तड़प उठे,
आ कर तुम्हारी याद ने अच्छा
नहीं किया।

10. अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुड़ी हो,
किसी हसीन शाम के साथ