सोमवार, 30 नवंबर 2015

Shayari Part.50

1. बहुत दिन हुए तुमने, बदली नहीं तस्वीर अपनी!
मैंने तो सुना था, चाँद रोज़ बदलता हैं चेहरा अपना!!

2. यूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिन…
ना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठे…

3. कहने को तो बहोत सी बाते थी,
इस दिल मे हमदम, काश के...
कुछ लफ्जो मे सुन पाते तुम, काश कुछ मेरी आंखो मे पढ़ पाते....... !!

4. आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो..
मौसम मस्त है लेकिन तुम जैसा नहीं..

5. बडी देर करदी मेरा दिल तोडने में,
नजाने कितने शायर आगे चले गये.

6. बहुत रोका लेकिन रोक ही नहीं पाया,
मुहब्बत बढ़ती ही गयी मेरे गुनाहों की तरह…

7. दुश्मनी जम कर करो लेकिन इतनी गुंजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिंदा कोई न हो…

8. ज़मी पर रहकर आसमान छूने की फितरत है मेरी..,,
लेकिन किसी को गिरा कर उपर उठाने का शौक नही मुझे..

9. चंद साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो,
झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो,
जिंदगी वीरान थी और मौत भी गुमनाम ना हो,
मुझे गले लगा लो फिर मौत मुझे हजार दे दो।

10. आ ज़ा फिर से मेरे ख्यालों में....कुछ बात करते हैं....
कल जहाँ खत्म हुई थी...वहीं से शुरुवात करते हैं...!!