शुक्रवार, 13 नवंबर 2015

Shayari Part.31

1. क़भी चुपके से मुस्कुरा कर देखना,
दिल पर लगे पहरे हटा कर देख़ना,
ये ज़िन्दग़ी तेरी खिलखिला
उठेगी,
ख़ुद पर कुछ लम्हें लुटा कर देखना.

2. जब भी देखता हूँ ..
किसी गरीब को हँसते हुए ..
तो यकीन आ जाता है ..
की खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं
होता..

3. ख्याल में आता है जब भी उसका चेहरा;
तो लबों पे अक्सर फरियाद आती है;
भूल जाता हूँ सारे ग़म और सितम उसके;
जब ही उसकी थोड़ी
सी मोहब्बत याद आती है।

4. यूँ तो मुझे किसी के भी छोड़ जाने का गम
नहीं बस...
कोई ऐसा था जिससे ये उम्मीद
नहीं थी ...!!

5. सुनो....
ज़रा रास्ता तो बताना....
मोहब्बत के सफ़र से... वापसी है मेरी.....

6. शायर बनना बहुत आसान है...
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री
चाहिए...

7. मुझे देख कर तेरी हैरानी लाज़मी है…..
इस दौर में इंसान कम ही मिला करते हैं…!!

8. मैं आपकी नज़रों से नज़र चुरा लेना चाहता हूँ,
देखने की हसरत है बस देखते रहना चाहता हूँ ।

9. डर मुझे भी लगा फांसला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर.!

10. ना संघर्ष न तकलीफ
तो क्या मज़ा है जीने में
बड़े बड़े तूफ़ान थम जाते हैं
जब आग लगी हो सीने में !