सोमवार, 16 नवंबर 2015

Shayari Part.34

1. आएंगे हम याद तुम्हे एक बार फिर से..

जब तेरे अपने फ़ैसले तुझे सताने लगेंगे...

2. सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको...
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको...
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही
होगा,
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको...!!!

3. तकदीर लिखने वाले एक एहसान लिख दे,
मेरे दोस्त की तकदीर में
मुस्कान लिख दे,
ना मिले जिन्दगी में कभी
भी दर्द उसको,
चाहे उस की किस्मत में मेरी
जान लिख दे..

4. उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं,
वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं,
सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करें,
लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते है

5. जब से देखा है तेरी आँखों मे झाक कर,
कोई भी आईना अच्छा नहीं लगता,
तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए हैं दीवानें,
तुम्हें कोई और देखें अच्छा नहीं लगता...!!

6. “किसी और से नहीं पर खुद से गिला है
मुझको,
शायद खुद मेरी वजह से मेरी
ज़िन्दगी छोङ गई मुझको।

7. उनका भी कभी हम दीदार करते है,
उनसे भी कभी हम प्यार करते है,
क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी,
पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है !

8. दो अश्क मेरी याद मे बहा जाते तो क्या जाता...
चँन्द कालिया लाश पे बिछा जाते तो क्या जाता ...
आये हो मेरी मैय्यत पर सनम नक़ाब औढकर तुम ...
अगर ये चांद का टुकडा दिखा जाते तो क्या जाता...

9. कुछ रिश्ते ता उम्र अगर बेनाम रहे तो अच्छा है,
आँखों आँखों में ही कुछ पैगाम रहे तो अच्छा है,
सुना है मंज़िल मिलते ही उसकी चाहत मर जाती है,
गर ये सच है तो फिर हम नाकाम रहें तो अच्छा है,
जब मेरा हमदम ही मेरे दिल को न पहचान सका,
फिर ऐसी दुनिया में हम गुमनाम रहे तो अच्छा है..

10. उठ-उठ के बैठते हैं रातों का हाल है,
दिन एक गुजरता है जैसे एक साल है,
फिर भी न हो यकीन मेरी
आँखों से पूछ लो,
जब से गए हो आज तक गीला रुमाल है ।।