शनिवार, 21 नवंबर 2015

Shayari Part.42

1. जिंदगी जख्मो से भरी हैं वक़्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो मौत के सामने हैं फिलहाल जिंदगी से जीतना सीख लो…

2. भगवान का दिया कभी अल्प नहीं होता,
जो टूट जाये वो संकल्प नहीं होता,
हार को जीत से दूर ही रखना,
क्योकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता

3. दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने;
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने;
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का;
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने;

4. जिंदगी हे सफर का सील सिला,
कोइ मिल गया कोइ बिछड़ गया,
जिन्हे माँगा था दिन रात दुआ ओ मे,
वो बिना मांगे किसी और को मिल गया.

5. मे तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती,
मे जवाब बनता अगर तू सबाल होती,
सब जानते है मैं नशा नही करता,
मगर में भी पी लेता अगर तू शराब होती!

6. मंज़िलो से अपनी डर ना जाना,
रास्ते की परेशानियों से टूट ना जाना,
जब भी ज़रूरत हो ज़िंदगी मे किसी अपने की,
हम आपके अपने है ये भूल ना जाना.

7. हम तो लिख देते हैं जे़हन में जो आता है
जुड़ जाता है
ग़र आपके दिल से तो बस इत्तेफाक समझिये...!!!

8. नादान है बहुत जरा तुम ही समझाओ यार उसे कि
यूँ " खत" को फाड़ने से मोहब्बत कम नहीं होती,

9. इतना बता दो कैसे साबित करूँ कि तुम याद आते हो।
शायरी तुम समझते नहीं और अदाएं मुझे आती नहीं॥

10. आग लगी थी मेरे घर को, किसी सच्चे दोस्त ने पूछा..!
क्या बचा है ? मैने कहा मैं बच गया हूँ..!
उसने हँस कर कहा, "फिर साले जला ही क्या है..!!