बुधवार, 18 नवंबर 2015

Shayari Part.35

1. गरीब की थाली में पुलाव आया हें........
लगता हें शहेर में फीर चुनाव आया हें.....!!!!!

2. उसके सामने बैठ हाथ मे जाम लिए...
      बहकने का मज़ा ही कुछ और है...
इधर शराब उतरती है...
        उधर खुमारी चढ़ती है...

3. जरा जरा सी मिल मुझे
मैं जरा जरा सा जी लु जरा..
जरा जरा सा करिब आ मेरे
मैं जरा जरा तो होश में रहु .

4. शमा से रूठ के परवाने कहाँ जाएंगे...
ख़ाक हो जाएंगे दीवाने जहां जाएंगे...

5. एक खूबसूरत कहानी...
        रात के आगोश मे पनाह लेगी...
चाँद निकाह कराएगा...
         चाँदनी गवाही देगी...

6. मिलते ही वो सेल्फी लेती है
बात अब कहा करती है..
फिलींग लवली स्टेटस अपडेट करती है
मगर मुझे वक्त ही कहा देती है

7. परछाई तो शांत मौजो में बना करती हे..
   तुफानो में तो अक्सर साये भी बिखर जाते हे..

8. तुम एहसासों के पंख लगाये आसमान में उड़ती रही..
में तुम्हारी आसमान से पड़ती परछाई को थामे शांत दरिया में बहता रहा..

9. हर रात का बस यही फलसफा रहा हे..
बड़ी दूर तक जाती हे ख्वाइशें एक एहसास की तलाश में..

10. ख्याल में बड़ी ताक़त होती हे अगर ख्याल तामीरी हो
तो इंसान बुलंदियां पर पहुँच
सकता है