बुधवार, 18 नवंबर 2015

Shayari Part.36

1. मुझे मालूम था कि वो रास्ते
कभी मेरी मंजिल तक नही जाते थे,
फिर भी मैं चलता रहा, क्यूंकि
उस राह में कुछ अपनों के घर भी आते थे|

2. कुछ लिखा नही वक्त नही था !
क्योंकि ...
कभी हम भी व्यस्त रहते है !!!!
उसको भुलाने मे ------

3. फुर्सत निकालकर आओ कभी
मेरी महफ़िल में,
लौटते वक्त दिल नहीं पाओगे
अपने सीने में ।।

4. हम दुश्मन से भी खुद्दारी की उम्मीद रखते है,.....
सर किसी का भी हो झुका हुआ अच्छा नही लगता..

5. अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,
समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी.

6. अब किसी और से मुहब्बत करलू तो शिकायत मत करना…।।
ये बुरी आदत भी मुझे तुमसे ही लगी है…..।।

7. आज कोई नया जख्म नहीं दिया उसने मुझे, कोई पता करो वो ठीक तो है ना

8. पूछ कर मेरा पता बदनामिया मत मोल ले ख़त किसी फूटपाथ पर रख दे, मुझे मिल जायेगा

9. साथ भी छोडा तो कब,जब सब बुरे दिन कट गए |
ज़िन्दगी तुने कहा आकर दिया धोखा मुझे ||

10. किरण चाहू तो दुनिया के सारे अँधेरे घेर लेते है |
कोई मेरे तरह जी ले तो जीना भूल जायेगा ||