रविवार, 22 नवंबर 2015

Shayari Part.45

1. मेरी ज़िन्दगी के मेहरबान तुम बनो,
दिल में बस जाओ साँसों की पहचान तुम बनो,
इक सवाल बन जाऊं ये मंज़ूर है मुझे,
पर सवाल बनूं मैं तो उसका जबाव...
..तुम बनो |

2. इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया,
हर खुशी से हमे अनज़ान कर दिया,
हमने तो कभी नही चाहा की
हमे भी मोहब्बत हो,
लेकिन आप की एक नज़र ने हमे नीलाम कर दिया

3. जब गिला शिकवा अपनों से हो
तो ख़ामोशी भली..
अब हर बात पर जंग हो
जरूरी तो नही..

4. तेरी चाहत का ऐसा नशा चढ़ा है,
की शायरी हम लिखते है,
और दर्द पूरा ग्रुप सहता है ।

5. रंगो से डर नहीं लगता यारो ,
रंग बदलने वाले लोगो से लगता है

6. तुझको जितना भी मैंने भुलाया,
उतना ही ख्याल तेरा आया..

7. मै आशिकी के उस Level पर हुँ,
जहा से इश्क Uninstall भी नही हो सकता..

8. दिल भी वही है, धडकन भी वही हैं.......
बस सुनने वाले की नीयत बदल गई है . !!

9. हर चीज की एक इंतहा होती है..!
फिर ये मोहब्ब़त क्यूं बेइंतहा होती है..!!

10. ये उडती जुल्फें , ये बिखरी मुस्कान,
एक अदा से संभलुँ, तो दुसरी होश उडा देती है !