शनिवार, 12 दिसंबर 2015

Shayari Part.79

1. अपनी तन्हाई में अक्सर तेरी हस्ती से जुदा
मैं सोचता रहता हूँ की क्या सोच रहा हूँ

2. हम पर जो गुजरी है, तुम क्या सुन पाओगे,
नाजुक सा दिल रखते हो, रोने लग जाओगे..

3. उनके आने से मिज़ाज़ बदल जाता है
एहसास बदल जाता है
क्या परिचय दू अपनी महोब्बत की इनायत का
शब्दों का इतिहास बदल जाता है लब्जो का अंदाज़ बदल जाता है

4. ना मेरा प्यार कम हुआ ना उसकी नफरत
अपना अपना फर्ज था. दोनो अदा कर गए

5. हक़ से दो तो तेरी नफरत भी कुबूल है हमें ,
खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें!!!

6. दिल बहलाने के लिये ही गुफ्तुगू कर लिया करो जनाब,
मालूम तो मुझे भी है के हम आपको अच्छे नही लगते…

7. वो सीखकर गयी है मोहब्बत मुझसे,
जिससे भी करेगी बेइंतहा बेमिसाल करेगी..

8. मुझे तलाश है जो मेरी रुह से प्यार करे..
वरना इन्सान तो पैसों से भी मिल जाया करते हैं…

9. हमारे जीने का तरीका थोड़ा अलग है,
हम उमीद पर नहीं अपनी जिद पर जीते है!!

10. गलती इतनी हुई की जान से ज्यादा तुझे चाहने लगे हम।
क्या पता था की मेरी इतनी परवाह तुझे लापरवाह कर देगी।