मंगलवार, 8 दिसंबर 2015

Shayari Part.67

1. ये मेरा अकेलापन ही मुझे नसीहत देता है जीने की, जिसको सहारे की जरुरत होती है, वो कभी अपने पैरो पर खड़ा नहीं होता।

2. तुम बात नहीं करोगी तो मै मर नहीं जाऊँगा
पर तेरे बगैर मेरा जीना मरने के जैसा ही है

3. तुझे पाने की ख्वाहिश नहीं है मुझे
पर तेरे साथ वक़्त बिताना अच्छा लगता है.

4. हमें रोता देखकर वो ये कह के चल दिए कि,
रोता तो हर कोई है क्या हम सब के हो जाएँ…

5. तुम्हारी नफरत पर भी लूटा दी ज़िन्दगी हमने,
सोचो अगर तुम मोहब्बत करते तो हम क्या करते..

6. मै ख्वाहिशो का कैदी हूँ
और हकीकतें मेरी सजा हैं...

7. इन निगाहोंकी तलाश तुम ही हो....सुनो..... 
मिल जाओ.. फ़िर से..
कहीं अजनबी बनकर.....

8. हम तुम्हे हर पल याद करते है....
मगर बार - बार भी तो ये कहना अच्छा
नही लगता....

9. शायरी करना भी तो एक नेकी का काम है .. !!
कितने बिछड़े हुए लफ़्जो को मिला देता हूँ .....

10. फिर उसकी याद, फिर उसकी तलब, फिर उसकी बातें..
ऐ दिल तेरा क्या करूं, तू सुकून लेने क्यूं नहीं देता..