शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015

Shayari Part.55

1. मैं वो हूँ जो कहता था की इश्क़ मे क्या रखा है,
आज कल एक हीर ने मुझे रांझा बना रखा है..

2. पगली तु आई थी पता लगा....!!
सुनकर अच्छा.भी लगा.
पर गेरों से पता चला बेहद बुरा लगा.

3. क्युँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त,
क्युँ गम को बांट लेते है दोस्त,
ना रिश्ता खून का ना रिवाज से बंधा,
फिर भी जिन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त..

4. बहुत कुछ खो चूका हूँ, ऐ ज़िन्दगी तुझे सवारने की कोशिश में,
अब बस ये जो कुछ लोग मेरे हैं, इन्हें मेरा ही रहने दे.....

5. ‎इतना‬ भी ‪‎मुझको‬ मत ‪‎देख पगली‬....
अभी ‪‎नजरो‬ मे ‪आया हुँ,‬
‪‎दिल‬ मे ‪आया‬ तो ‪रातो‬ कि ‪‎निंद उड‬ जायेगी

6. तारा श्वासनी बेचेनी मने पण अनुभवाय छे
होय छे ज्यारे तू बेचेन त्यारे जिव मारो मुंजाय छे

7. बे-खुदी बे-सबब नहीं ग़ालिब,
कुछ तो है जिस की पर्दादारी है…

8. कुछ इस तरह मैंने ज़िन्दगी को आसान कर लिया,
किसी से मांग ली माफ़ी, किसी को माफ़ कर दिया…

9. हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पर दम निकले,
बहुत निकले मेरे अरमां लेकिन फिर भी कम निकले…

10. कल रात मैने अपने दिल से भी रिश्ता तोड़ दिया,
पागल तेरे को भूल जाने की सलाह दे रहा था !!