गुरुवार, 10 दिसंबर 2015

Shayari Part.75

1. वास्ता नही रखना .. तो फिर मुझपे .. नजर क्यूं रखती है …
मैं किस हाल में जिंदा हूँ … तू ये सब खबर क्यूं रखती है ….

2. वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला
लबों से,
दूर क्या हुए कलम ने क़हर मचा दिया..!!

3. ऐ मोहब्बत तुझे पाने की कोई राह नहीं,
शायद तू सिर्फ उसे ही मिलती है जिसे तेरी परवाह नही।

4. नादान बहोत हैं वोह, जैसे कुछ समझते
ही नहीं,
सीने से लगा कर पूछते हैं, घडकन क्यु तेज
है..!

5. वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज समझते रहे ;
नादां इतना भी नहीं समझते कि इश्क चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है !!

6. ख़ुद दिल में रह के आँख से पर्दा करे कोई
हाँ लुत्फ़ जब है पाके भी ढूँढा करे कोई
मुझ को ये आरज़ू वो उठायें नक़ाब ख़ुद,
उन को ये इन्तज़ार तक़ाज़ा करे कोई

7. एक तेरा ही नशा था जो शिकस्त दे गया मुझे...
वरना मयखाने भी तौबा करते थे मेरी मयकशी से....

8. दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता|

9. कोई केह दे उन्हें , अपनी ख़ास हिफाजत किया करे ,,
बेशक साँसे उनकी हे , पर जान तो मेरी हे ।

10. तुमसे किसने कह दिया कि मुहब्बत की बाजी हार गए हम?
अभी तो दाँव मे चलने के लिए मेरी जान बाकी है !