शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015

Shayari Part.64

1. झुक के बात करने की आदत बना ले ,
काफी फायेदे में रहोगे , क्युकी ….
आज भी आँखे मिला कर बात करने की
तेरी औकात नही हे ।।

2. सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा ,जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है.

3. हमारे मनाने की अदा इतनी हसीं होगी की तुम उम्र भर रूठे रहने को कोशिश करोगी.

4. मुझे ढुंढने की कोशिशे अब मत किया कर,
तुने रास्ता बदला तो हमने मंजिल।.

5. सारी शिकायतो का हिसाब जोड़ कर रखा था उसने मुस्कुराकर सारा गणित बिगाड़ दिया!

6. तुम खुद उलझ जाओगे मुझे गम देने की चाहत में,
मुझमें हौसला बहूत है मुस्कुराकर निकल जाऊगा.

7. मत करना नजर-अंदाज “माँ-बाप” की तकलीफों को…
जब ये बिछड़ जाते हैं तो रेशम के तकियों पर भी नींद नही आती।

8. अपनी औकात मे रहे ए वक्त,
याद रख;
तेरे साथ-साथ ”मै” भी बदलूंगा!

9. एक ख्वाहिश पूरी हो, इबादत के बगैर...
वो आकर लिपटे मुझसे, मेरी इजाजत के बगैर....

10. उसके हाथ की गीरफ्त ढीली पड़ी तो महसूस हुआ
यही वो जगह है जहाँ रास्ता बदलना है!