गुरुवार, 10 दिसंबर 2015

Shayari Part.76

1. जाने क्या सोच के लहरे साहिल से टकराती हैं;
और फिर समंदर में लौट जाती हैं;
समझ नहीं आता कि किनारों से बेवफाई करती हैं;
या फिर लौट कर समंदर से वफ़ा निभाती हैं।

2. कोशिश करो कि ज़िन्दगी का हर लम्हा
अच्छे से अच्छा गुजरे;
क्योंकि....,जिंदगी नहीं रहती पर
अच्छी यादें हमेशा जिंदा रहती हैं।

3. लिख दू तो लफ्ज़ तुम हो, सोच लू तो ख्याल तुम हो,
मांग लू तो मन्नत तुम हो, और चाह लू तो मोहब्बत भी तुम ही हो.

4. कैसी पहचान बनाई है तूने अपनी,
नाम तेरा आने पर भी लोग याद मुझे करते हैं..

5. मिलने को तो मिलते है दुनिया में कई चेहरे
पर तुम सी मोहब्बत हम खुद से भी न कर पाए!!!

6. सुना है की समन्दर को बहुत गुमान आया है,,.
उधर ही ले चलो कश्ती जिधर तूफ़ान आया है.!!!

7. मैंने तो देखा था बस एक नजर के खातिर....
क्या खबर थी की रग रग मे समां जाओगे तुम..!!

8. किसी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारा अपना कौन हैं ?
मैने हँसते हुए कहा जो किसी और के लिए मुझे नज़र अंदाज़ ना करे..

9. खूश्बु कैसे ना आये मेरी बातों से यारों, मैंने बरसों से एक ही फूल से जो मोहब्बत की है ।

10. देखते हैं अब किस की जान जायेगी;
उसने मेरी और मैंने उसकी कसम खाई है!