शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015

Shayari Part.59

1. पल पल तू मुझसे दूर होता हुआ
पल पल मेरी ज़िन्दगी बेदम होती हुई

2. नजरें मिला के जब तुमने
हया से नजरें झुका ली
तो हम ये भूल बैठे की कभी
हमें नजरअंदाज भी किया था

3. चलो झूठी मोहब्बत का अब क़िस्सा ख़त्म हुआ..
लोगों के फ़रेबों से शायद अब छुटकारा मिले..

4. दोस्ती कर के देखो , दोस्ती में दोस्त खुदा होता है .
ये एहसास तब होता है , जब दोस्त दोस्त से जुदा होता है ..

5. तुझमेँ और मुझमेँ फर्क है सिर्फ इतना.
तेरा कुछ कुछ हूँ मैँ.. और मेरा सब कुछ है तू.

6. "मुजे'' सीँफ मेरी जरुरत है... बाकी सब अपनी जरुरत से मेरी जींदगी मे आते है..

7. कौन कहता है की दोस्ती बराबरी वालो में होती है..
सच तो ये है की दोस्ती में सब बराबर होता है ॥

8. ना मेरी नीयत बुरी थी, ना उसमे कोई बुराई थी
सब मुक़द्दर का खेल था, बस किस्मत में जुदाई थी.....

9. अगर होता है इत्तेफ़ाक तो यूँ क्यों नहीं होता, तुम रास्ता भूलो... और मुझ तक चले आओ...

10. ए खुदा बस और कुछ नही पल भर के लिये हवा ही बना दे...!!!
कसम से...???
उसे सिर्फ छु कर लौट आऊँगा...!!