शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015

Shayari Part.60

1. मौत मांगना एक गुनाह है जालीम ..
अगर तुझे मरने का शौक ही है,
तो आ तुझे इश्क की तालीम दू !!

2. ये पतंग भी बिल्कुल तुम्हारी तरह निकली जरा सी हवा क्या लग गई हवा में उडने लगी.

3. कुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्ते हर कदम पर काँच बन कर जख्म देते है !!

4. "लोग अपना बना के छोड़ देते हैं,
अपनों से रिशता तोड़ कर गैरों से जोड़ लेते हैं,
हम तो एक फूल ना तोड़ सके,
नाजाने लोग दिल कैसे तोड़ देते हैं."

5. "बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे, शमशान में पिया करूंगा,
जब खुदा मांगेगा हिसाब, तो पैग बना कर दिया करूंगा"

6. "अगर वो मांगते हम जान भी दे देते,
मगर उनके इरादे तो कुछ और ही थे,
मांगी तो प्यार की हर निशानी वापिस मांगी,
मगर देते वक़्त तो उनके वादे कुछ और ही थे."

7. "क्या नशा है इश्क आज तक समझ ना पाये हम, उन नशीली आँखों में कहीं हो ना जाऐं गुम,
युँ तो इश्क समझ नहीं आता ना जाने क्या बला थी ये, कि जुदा होने पे उनकी ये आँखे हो गई"

8. "शाम खाली है जाम खाली है,ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,
सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,मैने तन्हाई मगर बचा ली है"

9. "एक हम है की खुद नशे में है,
एक तुम हो की खुद नशा तुम में है।"

10. "उसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हम, उसके ग़मो को हंसी से सजा रहे थे हम,
जलाया उसी दिए ने मेरा हाथ जिसकी लो को हवासे बचा रहे थे हम"